Move to Jagran APP

आयुर्वेदिक पौधों की खुशबू से महकने लगी सेंट्रल जेल

अमृतसर जेल में गुनाहों की सजा भुगत रहे कैदियों के मन-मस्तिष्क से नकारात्मक भाव मिटाने के लिए जिला आयुर्वेदिक विभाग ने अनूठा प्रयास किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 07:21 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 07:21 PM (IST)
आयुर्वेदिक पौधों की खुशबू से महकने लगी सेंट्रल जेल
आयुर्वेदिक पौधों की खुशबू से महकने लगी सेंट्रल जेल

नितिन धीमान, अमृतसर

loksabha election banner

जेल में गुनाहों की सजा भुगत रहे कैदियों के मन-मस्तिष्क से नकारात्मक भाव मिटाने के लिए जिला आयुर्वेदिक विभाग ने अनूठा प्रयास किया है।

भारत की प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति को घर-घर तक पहुंचाने में जुटे आयुर्वेदिक विभाग ने फताहपुर स्थित केंद्रीय जेल में आयुर्वेदिक पौधे लगाए हैं। इन पौधों की सुगंध से केंद्रीय जेल महकने लगी है।

दरअसल, कैदियों को आयुर्वेद का ज्ञान देने के लिए आयुर्वेदिक विभाग ने यहां हर्बल गार्डन तैयार किया है। हर्बल गार्डन में मेडिसिन प्लांट लगाए गए हैं। इनमें हरड़, आंवला, अमलतास व नीम प्रमुख हैं। चूंकि जेल से कुछ दूरी पर भगतांवाला डंप स्थापित है, जिसके कारण वायुमंडल में विषैली हवाएं तैरती रहती हैं। आयुर्वेदिक पौधे इस विषैली हवा को शुद्ध करने में सहायक होंगे। इसके साथ ही कैदियों को आयुर्वेदिक पद्धति से जोड़ने का काम भी करेंगे।

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी आत्मजीत ¨सह बसरा ने बताया कि ये सभी मेडिसिन प्लांट हैं। कुछ ही समय में इनमें फल लगना शुरू हो जाएगा। हमारा मकसद आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देने के साथ-साथ कैदियों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना भी है। औषधीय गुणों से भरपूर ये पौधे न केवल दवाएं बनाने में प्रयुक्त होते हैं, बल्कि इनसे इंसान को आय का साधन भी मिलता है। डॉ. बसरा के अनुसार हमारा मकसद सिर्फ आयुर्वेद का प्रचार एवं प्रसार करने तक सीमित नहीं, हम चाहते हैं कि आयुर्वेदिक पौधों को कैदी अपनी आय का साधन भी बनाएं। जो कैदी जेल से रिहा होंगे, उन्हें बताया जाएगा कि वे अपने गुनाहों की सजा भुगत चुके हैं। अब खुद के लिए व परिवार के लिए कुछ करें। आयुर्वेदिक पौधों की खेती करके इनसे पैदा होने वाले औषधीय फलों को बेचकर काफी मुनाफा कमाया जा सकता है।

27 डिस्पेंसरियों में लगेंगे आयुर्वेदिक पौधे

आयुर्वेदिक विभाग की ओर से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 27 डिस्पेंसरियों में आयुर्वेदिक पौधे लगाए जाएंगे। डिस्पेंसरियों का स्टाफ इन पौधों की देखभाल करेगा और इनसे पैदा होने वाले औषधीय फलों को अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करेगा। हम शहर में जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों को आयुर्वेदिक पद्धति से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आयुर्वेदिक पौधा चाहिए तो चले आइए

आयुर्वेदिक विभाग द्वारा लोगों को निशुल्क पौधे वितरित किए जा रहे हैं। सिविल अस्पताल स्थित आयुर्वेदिक विभाग में आकर कोई भी शख्स पौधों की मांग कर सकता है। ये पौधे जंगलात विभाग के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।

पूजनीय हैं आयुर्वेदिक पौधे

शरीर को निरोगी बनाने में आयुर्वेदिक पौधों का महत्व है। पुराणों, उपनिषदों, रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों में इसके अनेक प्रमाण मिलते हैं। औषधीय पौधों के अछ्वुत गुणों के कारण लोग इनकी पूजा करते हैं। तुलसी, पीपल, आक, बरगद तथा नीम इसलिए पूजनीय हैं क्योंकि इसमें कई बीमारियों को काटने की क्षमता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.