बासमती की गुणवता को प्रभावित करने वाले नौ खतरनाक कैमिकलों पर पाबंदी
पंजाब की बासमती उत्तम क्वालिटी की बासमती है। इस बासमती की डिमांड विदेशों में काफी है। भारत हर वर्ष 4.4 मीलियन टन बासमती विदेशों को एक्सपोर्ट करता है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब की बासमती उत्तम क्वालिटी की बासमती है। इस बासमती की डिमांड विदेशों में काफी है। भारत हर वर्ष 4.4 मीलियन टन बासमती विदेशों को एक्सपोर्ट करता है। अरब देश इस बासमती के सब से बडे़ खरीददार है। कुछ समय से भारतीय बासमती की बड़ी खेप विदेशों के लिए एक्सपोर्ट में रिजेक्ट होनी शुरू हो गई है। इसका मुख्य कारण बासमती के टेस्ट सैंपलों में कुछ खतरनाक केमिकल का प्रभाव मिला है। जो मानवता की सेहत के लिए खतरनाक है। कृषि विभाग ने नौ कैमिकलों एसीफेट, ट्राईजोफास, थाइयामिथोकसम, कारबेडाजिम, ट्राईसाईकोलाजल, बूपरोफेजिन, कार्बोफियूरोन , प्रोपीकोनाजोल और थाईउफिनेट मिथाइल पर पाबंदी लगाई है। इनको कीट नाशक दवाओं की दुकानों पर रखने पर भी रोक लगा दी गई है। इस को लेकर कृषि मंत्रालय की ओर से सभी जिला कृषि अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिए है। सभी पेस्टीसाइज डीलरों को भी आदेश जारी कर दिए गए है कि वह इन केमिकल युक्त किसी भी तरह की दवाई का उपयोग करने के लिए किसी किसान को प्रेरित न करे। वहीं इन की बिक्री भी न की जाए। किसानों को यह भी हिदायतें दी गई है कि किसान जो भी खाद , बीज या कोई कीटनाशक खरीदें उसका बिल जरूर लें।
कृषि विभाग के विकास अधिकारी डॉ मस्तेंद्र सिंह कहते है कि यह नौ ऐसे हानिकारक केमिकल है जो बासमती के चावल पर अपने प्रभाव दिखाते हुए टेस्टिग रिपोर्ट के दौरान यह रिपोर्ट आ जाते है। वही इन का उपयोग मानव के लिए भी खतरनाक है। यह कई बीमारियों का कारण बनते हैं। इस का फसलों पर उपयोग के दौरान हवा, पानी , मिटी को प्रदूषित करने के साथ साथ मनुष्य के उपर भी हवा के माध्यम से बुरा असर डालते है। जिस को मुख्य रख सरकार ने इन रसायनों के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है।