राज्यसभा मेंं उठा Private schools की मनमानी का मामला, मलिक बोले- लूट से बचाएं
प्राइवेट स्कूलों का मुद्दा राज्यसभा में उठा। श्वेत मलिक ने इस मुद्दे को उठाते हुए नई शिक्षा पॉलिसी बनाने की मांग रखी ताकि करोड़ों अभिभावकों को राहत मिल सके।
जेएनएन, चंडीगढ़। व्यापारिक केंद्र बने प्राइवेट स्कूलों का मुद्दा राज्यसभा में उठा। भाजपा के पंजाब प्रधान व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक ने इस मुद्दे को उठाते हुए नई शिक्षा पॉलिसी बनाने की मांग रखी, ताकि करोड़ों अभिभावकों को राहत मिल सके। वहीं, सभापति ने सदन को भरोसा दिलवाया कि जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले मलिक ने कहा कि निजी स्कूल अब शिक्षा केंद्र सेे ज्यादा व्यापारिक केंद्र बन गए हैं। प्रत्येक वर्ष न सिर्फ स्कूल की भारी-भरकम फीस बढ़ाई जाती है, बल्कि ट्रांसपोर्ट फीस में भी वृद्धि कर दी जाती है। हर साल बिल्डिंग के रखरखाव को लेकर अभिभावकों से मोटा फंड वसूला जाता है, जबकि बिल्डिंग में कुछ भी नहीं किया जाता। बिल्डिंग फीस और डोनेशन से ही स्कूल प्रबंधन हर एक-दो वर्षों में नया स्कूल खोल लेता है और उसका बोझ भी अभिभावकों पर डाल दिया जाता है।
मलिक ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने किताबों व ड्रेस को भी नहीं छोड़ा। हर साल सिलेबस बदल दिया जाता है, ताकि अभिभावक नई किताबें खरीदें। स्कूल वाले ही वर्दी भी बेचते हैं। शिक्षा के व्यवसाय में बड़े-बड़े औद्योगिक घराने उतर आए हैं। स्कूल प्रबंधकों की टैक्स को लेकर जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों की ओर से भारी टैक्स चोरी की भी आशंका जताई।
संसदीय समिति बनाने की मांग
मलिक ने कहा कि पेरेंट्स एसोसिएशन जब इन स्कूलों के खिलाफ आवाज उठाती है, तो यह प्राइवेट स्कूल प्रबंधन बच्चों को स्कूल से निकालने तक की धमकी देता है। पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए मलिक ने कहा कि पंजाब में शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मनमानी पर मूकदर्शक बने बैठे हैं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए एक संसदीय समिति बना कर पंजाब भेजी जाए। पंजाब सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी रोकने के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया।
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