दूसरे शहरों के लिए दोगुना दाम ले रहे बस और टैक्सी चालक
पिछले साढ़े तीन महीने से ट्रेनों का पूरी तरह आवागमन शुरू नहीं हुआ है। इस कारण दूसरे शहरों व राज्यों को जाने के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
जासं, अमृतसर : पिछले साढ़े तीन महीने से ट्रेनों का पूरी तरह आवागमन शुरू नहीं हुआ है। इस कारण दूसरे शहरों व राज्यों को जाने के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है और उन्हें दोगुना किराया खर्च करना पड़ रहा है। क्योंकि अलग-अलग शहरों को जाने वाले लोगों को मजबूरी में बसों की महंगी टिकटें खरीदने पड़ रही है। केवल टिकटें ही नहीं अगर कोई प्राइवेट टैक्सी हायर करके जा रहा है तो वहां पर भी पूरी मनमानी चल रही है। टैक्सी चालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मुंह मांगे दाम मांग रहे हैं, लेकिन जरूरी काम से जाने वाले लोग ज्यादा पैसे देने को मजबूर हैं।
पहले कोरोना के कारण ट्रेनें बंद थीं। लाकडाउन खुलने पर कुछ ट्रेनें चलीं लेकिन कृषि सुधार कानून के खिलाफ किसान संगठनों ने 25 सितंबर को ट्रैक पर धरना लगा दिया था। हालांकि अभी केवल दो ही ट्रेनें चल रही हैं। मगर धुंध के कारण ट्रेनें भी समय पर नहीं पहुंच रही है। इस कारण प्राइवेट बसों में ही जाना लोगों की मजबूरी है। आम दिनों के मुकाबले 300 से 500 रुपये महंगी बिक रही टिकटें
रेलवे स्टेशन, हालगेट के बाहर से बहुत सारी निजी कंपनियों की बसें रात को व तड़के दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू सहित कई अन्य शहरों के लिए रवाना होती हैं। इन बसों में आम दिनों में रात का स्लीपर बुक करवाने पर 500 रुपये तक सीट मिल जाती थी। मगर ट्रेनें बंद होने के बाद से ही यही स्लीपर 800 से 1000 रुपये में मिल रहे हैं। बस में सीटिग सीट भी 100 से 200 रुपये महंगी मिल रही है। इसके अलावा अगर कोई प्रवासी आ जाता है तो उससे 1200 रुपये तक भी ले लेते हैं। केस 1 : दिल्ली के लिए 900 रुपये में मिली बस की टिकट
फर्नीचर व्यापारी राजेश शर्मा ने बताया कि उनको काम के सिलसिले में अकसर दिल्ली व जम्मू जाना पड़ता है। तीन दिन पहले भी दिल्ली में जरूरी काम था। इसलिए उन्होंने रेलवे स्टेशन के बाहर से रात को बस की टिकट ली। जोकि आम दिनों में 500 रुपये में मिल रही थी। वही टिकट उन्हें बारगनिग करके 900 रुपये में खरीदनी पड़ी। इसी तरह जब दिल्ली से वापिस आने के लिए टिकट ली तो 1100 रुपये में मिली। केस 2 : अमृतसर आने के लिए टैक्सी का देना पड़ा डबल किराया
होशियारपुर निवासी वरिदर कुमार ने बताया कि वह मासी का इलाज करवाने के लिए अमृतसर लेकर आए थे। इलाज करवाने के बाद उन्हें वापस ले जाने के लिए टैक्सी बुक करवाई। इसके लिए टैक्सी चालक ने 3500 रुपये मांगे। उन्होंने कुछ अन्य टैक्सी चालकों से भी बात की। मगर कोई भी इससे कम में जाने को तैयार नहीं हुआ जबकि पहले ही टैक्सी 1700 रुपये में बुक करवाते थे। किसी तरह एक टैक्सी चालक 3200 रुपये में जाने को तैयार हुआ।