नहीं मिला वेतन, बीआरटीएस का चक्का फिर जाम
आठ दिन तक ट्रैक पर बसें चलाने के बाद आखिरकार वीरवार को फिर से बीआरटीेस बसों के पहिये जाम हो गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: आठ दिन तक ट्रैक पर बसें चलाने के बाद आखिरकार वीरवार को फिर से बीआरटीेस बसों के पहिये जाम हो गए। इस बार इसका कारण लॉकडाउन या कोरोना नहीं बल्कि पिछले चार महीनो से कर्मचारियों को वेतन न मिलना है। लगातार टाल-मटोल का शिकार हो रहे बीआरटीएस मेट्रो बस सर्विस के सदस्यों ने अब काम न करने का फैसला किया है। साफ कर दिया है कि जब तक वेतन नहीं मिलता, वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे।
कर्मचारियों का कहना है कि पिछले चार महीने से वेतन न मिलने के कारण उनकी आर्थिक हालत पूरी तरह से खराब चुकी है। यहां तक कि घर का गुजारा करना मुशिकल हो गया है। मगर विभाग की ओर से उन्हें लगातार केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा है।
बीआरटीएस मेट्रो बस सर्विस के प्रधान जगीर सिंह संधू ने बताया कि लगातार विभाग के एमडी के साथ उनकी मीटिग होती रही है। उन्हें हर बार वेतन दिए जाने का आश्वासन दिलवाया जाता रहा। छह जुलाई को उनकी मीटिग हुई थी। कहा गया था कि दो महीने के वेतन का बिल पास कर दिया है, जोकि 10 जुलाई तक मिल जाएगा। मगर वेतन नहीं मिला। इसके बाद 14 जुलाई को वेतन देने की बात कही, मगर इस तारीख को भी उन्हें वेतन नहीं मिला। इस कारण अब उन्होंने काम न करने का फैसला लिया। वहीं अब उन्हें विभाग यह कहकर से धमकियां दे रहा है कि बिना कारण ही काम बंद किया है। इस कारण उनकी यूनियन के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
300 के करीब कर्मचारी करते हैं काम
बीआरटीएस प्रोजेक्ट के अधीन करीब 300 कर्मचारी काम करते हैं। इनमें ड्राइवर, कंडक्टर, बस स्टैंड पर तैनात टिकट काटने वाले, सुरक्षा कर्मचारी आदि शामिल हैं। कर्मचारियों का महीने का वेतन करीब 35 लाख रुपये बनता है। दो महीने का वेतन देने की बात हुई थी, जिसके लिए 70 लाख रुपये जारी होने हैं। मगर वह नहीं हुए। वहीं छह जुलाई लेकर 14 जुलाई तक बसें चलीं, लेकिन प्रतिदिन यात्रियों की संख्या मात्र एक से दो हजार तक ही थी, जबकि पहले रोजना यात्रियों की संख्या 25 से 30 हजार रहती थी।