ब्लड बैंक के बाहर पकड़ा गया खून का सौदागर!
गुरुनानक देव अस्पताल में मरीजों को खून दिलाने के बहाने ठगी करने वाले एक व्यक्ति को दबोचा गया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल में मरीजों को खून दिलाने के बहाने ठगी करने वाले एक व्यक्ति को दबोचा गया है। यह शख्स अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक के बाहर खड़ा होकर लोगों से पांच-पांच सौ रुपये वसूल कर उन्हें नकली पर्चियां उपलब्ध करवाता था। ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने इसे रंगे हाथों धर दबोचा।
दरअसल, ब्लड बैंक में 450 रुपये सरकारी शुल्क लेकर मरीजों को ब्लड उपलब्ध करवाया जाता है। खून की मांग करने वाले मरीज को ब्लड बैंक का स्टाफ पर्ची काउंटर से पर्ची बनवाने को कहता है। पर्ची मिलने पर ही उसे ब्लड उपलब्ध करवाया जाता है। यह शख्स पिछले लंबे समय से ब्लड बैंक के बाहर खड़ा होकर मरीजों व उनके परिजनों को अपना निशाना बनाता था। चूंकि गुरुनानक देव अस्पताल में दाखिल मरीजों को जब खून की जरूरत आन पड़ती है तो उनके परिजन सीधे ब्लड बैंक में पहुंचते हैं। यहां से उन्हें पर्ची बनवाने को कहा जाता है। बस, जैसे ही परिजन ब्लड बैंक से बाहर निकलते, नीतिश धीर नामक यह शख्स उन्हें रोकता और पांच सौ रुपये लेकर नकली पर्ची थमा देता। इसके बाद वह वहां से रफूचक्कर हो जाता। परिजन जब यह पर्ची लेकर ब्लड बैंक जाते तो स्टाफ खून देने से इंकार कर देता, क्योंकि यह पर्ची सरकारी नहीं होती। ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद ब्लड बैंक के स्टाफ ने इस शख्स की तलाश शुरू कर दी। साथ ही उन लोगों को भी इस काम में लगाया जो ठगी का शिकार हुए थे। ब्लड बैंक के स्टाफ ने सीसीटीवी कैमरे पर लगातार नजर बनाए रखी। इस दौरान एक दिन नीतिश को संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए पाया गया। स्टाफ ने उन लोगों को फोन कर बुलाया जो ठगी का शिकार थे। लोगों ने नीतिश को पहचान लिया। खून के इस सौदागर को पकड़ने के लिए जैसे ही स्टाफ बाहर निकला, वह किसी मरीज को शिकार बनाने की फिराक में था। स्टाफ ने उसे तत्काल धर दबोचा। उसने भागने की कोशिश की, पर स्टाफ ने घेराबंदी कर रखी थी।
गुरुनानक देव अस्पताल की सुरक्षा में तैनात निजी सिक्योरिटी कंपनी के कर्मचारियों ने नीतिश को पकड़कर थाना मजीठा रोड पुलिस के हवाले कर दिया है। एसएचओ प्रेमपाल ने बताया कि नीतिश के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। उसके पास से नकली पर्चियां भी बरामद की गई हैं। लोगों की शिकायत मिलने पर की कार्रवाई : डॉ. नीरज शर्मा
ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. नीरज शर्मा ने बताया कि इस व्यक्ति के पास ¨प्रटेट पर्चियां थीं। वह अपने हाथ से पर्ची पर नंबर व राशि लिखकर मरीजों को देता और पैसे वसूल लेता। ऐसा कई बार हो चुका है। लोगों की शिकायतें मिलीं और हमने कार्रवाई की। इस शख्स की फोटो निकालकर वाट्स एप ग्रुप में भेजी गई है, ताकि भविष्य में कोई मरीज इसकी ठगी का शिकार न हो। लेबोरेट्री टेस्ट व एक्सरे की नकली पर्चियां भी काटता था
यह शख्स इतना शातिर है कि उसे गुरुनानक देव अस्पताल की हर गतिविधि का ज्ञान था। खून की सौदेबाजी करने के साथ-साथ वह मरीजों के टेस्ट व एक्सरे आदि करवाने के लिए भी पैसे ऐंठता था। न टेस्ट होता और न ही एक्सरे। मरीज जब टेस्ट करवाने के लिए लैब में पहुंचते तो उन्हें लौटा दिया जाता। इसके बाद उन्हें फिर से सरकारी काउंटर पर पैसे जमा करवाकर टेस्ट करवाने पड़ते। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह कितना पीड़ादायी है, इसका अनुमान लगा सकते हैं।