अकाली व भाजपा नेताओं ने किया प्रदर्शन, टूटे शारीरिक दूरी के नियम
पंजाब सरकार की किसान व लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ अकाली-भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिला स्तर पर धरने देने के आह्वान पर डीसी कार्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब सरकार की किसान व लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ अकाली-भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिला स्तर पर धरने देने के आह्वान पर डीसी कार्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में अकाली दल और भाजपा नेताओं ने कोविड-19 को लेकर तय नियमों व विशेषकर शारीरिक दूरी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई। जब डीसी शिवदुलार सिंह ढिल्लों को ज्ञापन देने उनके कार्यालय में राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के नेतृत्व में भाजपा नेता पहुंचे तो डीसी ने कहा कि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करें और कार्यालय की बजाय खुले में ज्ञापन सौैंपें। ग्राउंड में भी एक व्यक्ति ज्ञापन देने नहीं पहुंचा बल्कि फोटो व वीडियो बनाने की होड़ में भीड़ के रूप में पहुंच गए। इस दौरान पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बोनी, मलकीत सिंह एआर, सरदूल सिंह शाम, राजेश हनी, राजेश कंधारी, सुखमिदर पिटू, रजिदर मोहन सिंह छीना, तलबीर गिल, आनंद शर्मा के अलावा वर्कर मौजूद थे।
कांग्रेस ने जमकर घोटाले किए : महाजन-टिक्का
ज्ञापन सौंपने से पहले भाजपा के जिला अध्यक्ष सुरेश महाजन और अकाली दल के जिला अध्यक्ष गुरप्रताप सिंह टिक्का ने कहा कि कैप्टन सरकार के नेताओं ने पंजाब में जमकर घोटाले किए हैं। कांग्रेस के नेता भी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा कर जांच की मांग कर चुके हैं। प्रदेश की गरीब व जरूरतमंद जनता के नीले कार्ड भी राजनीतिक कारणों के चलते पक्षपात करते हुए काट दिए गए हैं। जिस कारण कार्ड धारकों को राशन नहीं मिला है। यह हैं मुख्य मांगें
-पंजाब कांग्रेस द्वारा सरकारी खजाने को 5600 करोड़ की चपत लगाने की सीबीआइ से निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
-शराब व रेत माफिया को पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई रियायतों की उच्चस्तरीय जांच हो।
-गरीब व माध्यमवर्गीय परिवारों के चार महीने के बिजली, सीवरेज तथा पानी के बिल पंजाब सरकार द्वारा डिजास्टर फंड में से दिए जाएं।
-इंडस्ट्री के तीन महीने के बिजली के फिक्स्ड चार्जेज माफ किए जाएं।
-धान की फसल की रोपाई की मजदूरी लागत बढ़ने के कारण हर किसान को प्रति एकड़ 3000 रुपये मुआवजा दिया जाए।
-कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित ऑटो रिक्शा, टैक्सी, कैब व बस ऑपरेटर्स, ड्राइवर्स तथा कंडक्टरों को कम से कम 5000 रुपये प्रति महीना मदद दी जाए तथा उनका 4 महीने का बनता टैक्स माफ किया जाए।
-पंजाब सरकार द्वारा डीजल तथा पेट्रोल पर लगाया गया वैट तुरंत वापस किया जाना चाहिए।