हरमीत सिंह पीएचडी की हत्या से ISI के मंसूबों को झटका, खालिस्तानी आतंकवाद का था बड़ा मोहरा
खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह पीएचडी की हत्या से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के मंसूबों को कड़ा झटका लगा है। हरमीत पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद फैलाने के लिए बड़ा मोहरा था।
अमृतसर, जेएनएन। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के आतंकी हरमीत सिंह हैपी उर्फ पीएचडी की पाकिस्तान में हत्या से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के मंसूबों को कड़ा झटका लगा है। पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद फैलाने की कोशिश में लगे आइएसआइ की नापाक कोशिशों में हरमीत उसका बड़ा मोहरा था। इसके साथ ही पंजाब में हरमीत से जुड़े मामलों की जांच प्रभावित हो सकती है।
हरमीत की हत्या से पंजाब में उससे जुड़े मामले प्रभावित होने की आशंका
हरमीत पंजाब में आरएसएस व अन्य हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग का मास्टरमाइंड था। सोमवार को लाहौर स्थित डेरा चहल साहिब के साथ सटे गुरुद्वारा बेबे नानकी के बाहर दो मोटरसाइकिल सवारों ने गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। अमृतसर के छेहरटा के नजदीक न्यू कबीर पार्क इलाके का रहने वाला हैप्पी पीएचडी लंबे समय से पाकिस्तान में छिपा हुआ था। सूत्रों के अनुसार, ड्रग मनी के बंटवारे के विवाद में ड्रग माफिया ने उसकी हत्या की है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ उसे भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करती थी।
पीएचडी करते हुए केएलएफ से जुड़ा था हरमीत, हिंदू नेताओं की हत्या का था मास्टरमाइंड
नवंबर 2008 में हरमीत सिंह ने धर्म विषय पर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। इसी दौरान उसका संपर्क गर्मपंथी संगठनों से हुआ और वह केएलएफ से जुड़ गया। उसे पीएचडी के नाम से ज्यादा जाना जाता था।
सूत्रों के अनुसार तरनतारन, फिरोजपुर व अमृतसर के सीमावर्ती गांवों में पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से आए हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी में भी आइएसआइ ने पीएचडी का इस्तेमाल किया था। आइएसआइ ने ही उसे गुरुद्वारा बेबे नानकी के पास शरण दी थी। वहां से वह नशीले पदार्थों के साथ-साथ हथियारों की तस्करी करता था। पीएचडी पंजाब पुलिस का मोस्ट वांटेड आतंकी था।
हरमीत सिंह पीएचडी की हत्या की जानकारी मिलने के बाद जांच के लिए उसके पिता के घर पहुंची पुलिस।
परिवार ने केंद्र से लगाई गुहार, भारत लाया जाए शव
पीएचडी के पिता अवतार सिंह ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि हरमीत का शव पाकिस्तान से भारत लाया जाए, ताकि वह उसका अंतिम संस्कार कर सकें। पिता के मन में कहीं न कहीं इस बात की मायूसी दिखी कि उनका बेटा देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा। हरमीत की हत्या की खबर के बाद घर के बाहर पहुंचे मीडिया कर्मियों को देखकर उन्होंने अपने घर का गेट बंद कर लिया। कुछ देर बाद वह खुद ही घर के बाहर आए और मीडिया से बात की।
हरमीत सिंह पीएचडी के पिता अवतार सिंह।
ड्रग मनी के बंटवारे पर विवाद के बाद पाकिस्तान में दो बाइक सवारों ने कर दी उसकी हत्या
अवतार सिंह से जब हरमीत के आतंकी बनने के पीछे कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकारें ही कुछ बता सकती हैं। अवतार सिंह खेतीबाड़ी विभाग से रिटायर हो चुके हैं और पत्नी गुरबीर कौर के साथ छेहरटा में ही रहते हैं। अवतार सिंह ने कहा कि उनका बेटा हरमीत बड़ा रहमदिल इंसान था। हमेशा जरूरतमंदों की मदद करने के लिए तैयार रहता था। उन्हें नहीं पता कि वह कब खालिस्तानी विचारधारा में बह गया। 6 नवंबर 2008 में हरमीत सिंह घर से काम करने के लिए गया था और फिर लौट कर नहीं आया।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद पुलिस और कुछ सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उनके घर पहुंचे थे, तब उन्हें पता चला था कि हरमीत आतंकी गतिविधियों में शामिल है। अवतार सिंह ने बताया कि नवंबर 2018 में राजासांसी के अदलीवाल गांव में ग्रेनेड हमले में भी उनके बेटे का नाम सामने आया था, लेकिन नवंबर 2008 के बाद से वह उनसे कभी नहीं मिला।
राम रहीम की हत्या की साजिश के बाद हुआ था फरार
सुरक्षा एजेंसियों को साल 2008 में सूचना मिली थी कि पाकिस्तान से हथियारों की खेप भारत पहुंची है, जिससे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की हत्या की साजिश थी। पुलिस ने इस मामले में गुरसागर सिंह, सुखविंदर सिंह, कुलदीप सिंह को काबू किया था, लेकिन हरमीत पीएचडी फरार होने में कामयाब हो गया था। उसके इशारे पर ही 6 अगस्त 2017 को जालंधर में जगदीश गगनेजा हत्याकांड व अमृतसर में 18 नवंबर 2018 की सुबह निरंकारी भवन ब्लास्ट में भी हरमीत का नाम आया था।
छह खतरनाक आतंकियों में शामिल था हरमीत, हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस जारी
हरमीत सिंह पीएचडी पंजाब से भागे उन छह खतरनाक आतंकियों में शामिल था, जिनके खिलाफ भारत सरकार ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है। इन छह आतंकियों में हरमीत सिंह के अलावा गुरजिंदर सिंह, गुरजीत सिंह चीमा, गुरप्रीत सिंह, जगदीश सिंह भूरा और गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा शामिल हैं। ये सभी पाकिस्तान के अलावा कनाडा व जर्मन सहित अलग-अलग देशों में शरण लिए हुए हैं।
एनआइए कोर्ट ने जारी किया था गैर जमानती वारंट
हरमीत सिंह पीएचडी पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्याओं में वांछित था। मोहाली स्थित एनआइए की विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। एनआइए ने कोर्ट को बताया था कि इन हत्याओं का सारा तानाबाना पीएचडी ने बुना था। पीएचडी के साथी ऑस्ट्रेलिया में छुपा गुरजंट सिंह, गुरशरनवीर सिंह और गुरजिंदर सिंह शास्त्री के खिलाफ भी कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखे हैं।
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