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थम गई गुरुनगरी, रेल-बसें सब जाम, बंद रहे बाजार

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों के भारत बंद की काल से गुरुनगरी थम सी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 04:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 04:00 AM (IST)
थम गई गुरुनगरी, रेल-बसें सब जाम, बंद रहे बाजार
थम गई गुरुनगरी, रेल-बसें सब जाम, बंद रहे बाजार

जागरण टीम, अमृतसर: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों के भारत बंद की काल से गुरुनगरी थम सी गई। ट्रेनों और बसों का पहिया जाम रहा। हाईवे बंद होने से सड़क मार्ग सुनसान रहे। बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। सरकारी दफ्तर बंद रहे। जिले 18 स्थानों पर किसानों ने धरने देते हुए यातायात सुबह आठ से शाम पांच बजे तक ठप रखा। बंद के कारण लोग घरों में कैद रहे। कई जगह कुछेक लोग बाइक पर सड़कों पर निकले पर किसानों ने उन्हें लौटा दिया।

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किसानों ने निज्जरपुरा टोल प्लाजा पर ट्राले लगाकर रास्ता बंद किया, जबकि देवीदासपुरा, वल्ला व चब्बा के रेल ट्रैक अवरुद्ध रखे। देवीदासपुरा में किसानों ने अ‌र्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। दोपहिया वाहनों पर रोष मार्च निकालते हुए किसानों ने बैंक और प्राइवेट विभाग भी बंद करवाए। शहर के भंडारी पुल पर धरना देकर यातायात ठप रखा। इसी तरह किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के महासचिव सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में किसानों ने गोल्डन गेट पर धरना देकर अमृतसर-जालंधर जीटी रोड का ट्रैफिेक शाम पांच बजे तक बंद रखा। पंधेर ने कहा कि 28 सितंबर से राज्य भर के सभी डीसी कार्यालयों के बाहर पक्के मोर्चे शुरू किए जाएंगे।

शहर में भंडारी पुल, माल आफ अमृतसर, पुतलीघर चौक, जीएनडीयू विश्वविद्यालय के पास, छेहरटा, गोल्डन गेट पर बड़े धरने दिए गए। ट्रेड यूनियन संगठनों, सीटीयू, हिद मजदूर सभा, एटक व इंटक के कार्यकर्ताओं, पंजाब किसान सभा, आल इंडिया किसान सभा, जम्हूरी किसान सभा, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब, आटो चालक यूनियन, प्राइवेट बस ट्रांसपोर्ट वर्कर यूनियन के वर्करों की ओर से भंडारी पुल पर धरना दिया गया। संगठनों के नेताओं ने कहा कि अगर देश के किसानों पर तीन कृषि कानून लागू कर दिए जाते हैं तो इस से राज्य के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो जाएगी। इसलिए इनको रद किया जाए। ट्रैफिक डायवर्ट की वजह से नहीं लगे जाम

किसानों के धरनों की वजह से ट्रैफिक पुलिस द्वारा पहले ही ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया था। इस कारण सड़क पर जाम के हालात नहीं रहे। वैसे भी भारत बंद की घोषणा के चलते लोग भी कम ही सड़क पर निकले। सड़कों पर सन्नाटा रहा।

ट्रेनें रद होने से यात्री लौटे, कई घंटों इंतजार करते रहे

बंद का असर ट्रेनों पर भी पड़ा। किसानों के रेल ट्रैक पर बैठने से पहले अमृतसर से नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस और नागपुर स्पेशल ट्रेन रवाना हो चुकी थी। इसके बाद छह ट्रेनें रद की गई। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इन यात्रियों का टिकट कैंसिल कर रिफंड दिया गया। कई यात्री रेलवे स्टेशन पर घंटों बैठकर ट्रेनों के चलने का इंतजार करते रहे। जिनकी ट्रेन रद हो हुईं, वे घरों को लौट गए। कई यात्री तो स्टेशन भी नहीं पहुंच सके थे। जैसे ही किसान ट्रैक से उठे, शाम पांच बजे के बाद ट्रेनों के चला दिया गया। अड्डे पर कैद रही बसें, शाम पांच बजे शुरू हुईं

यूनियनों के समर्थन के कारण सरकारी बसों के अलावा निजी बसें तथा मिनी बसों का पहिया भी जाम रहा। सुबह से शाम पांच बजे तक कोई भी बस रवाना नहीं हुई। जालंधर, चंडीगढ़, अंबाला, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश को जाने वाली बसें बंद रहीं। चाहे लोगों को हड़ताल के बारे में पहले ही जानकारी थी। इसलिए बस अड्डे में यात्रियों की भीड़ कम ही दिखाई दी। पांच बजे धरने खत्म होने के बाद ही बसें चलनी शुरू हुर्ई। पंजाब रोडवेज डिपो नंबर दो अमृतसर के जीएम परमजीत सिंह ने बताया की हड़ताल के कारण बच्चों का आवागमन नहीं हो सका। सभी बसें प्रभावित हुई हैं। हड़ताल खत्म होने के बाद 4 बजे के बाद बसों का आवागमन शुरू कर दिया गया है। चार बजे के बाद जो भी निर्धारित रूट है। उन पर बसें रवाना की जा रही है। हड़ताल के कारण काफी रोड प्रभावित हुए हैं, जिसमें दिल्ली, लुधियाना, पठानकोट, माता चितपूर्णी, राजस्थान व अन्य कई रूट प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा छोटे रूटों पर भी प्रभावित हुए हैं।) बंद के कारण बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

भारत बंद की वजह से सुबह से दोपहर तक तो श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के लिए आने वालों की संख्या कम रही। मगर दोपहर बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होने पहुंचे। बाद दोपहर हेरिटेज स्ट्रीट पर लोग आने लगे और शाम तक तो यह भीड़ और बढ़ गई।


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