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बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाला भगोड़ा चंडीगढ़ से गिरफ्तार

एक जगह की कई रजिस्ट्रियां करवाकर देश के बैंकों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाकर फरार हो चुके राकेश कुमार वर्मा उर्फ केशी को ईओ ¨वग की टीम ने चंडीगढ़ से शनिवार की शाम गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 02:57 AM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 02:57 AM (IST)
बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाला भगोड़ा चंडीगढ़ से गिरफ्तार
बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाला भगोड़ा चंडीगढ़ से गिरफ्तार

जागरण संवददाता, अमृतसर : एक जगह की कई रजिस्ट्रियां करवाकर देश के बैंकों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाकर फरार हो चुके राकेश कुमार वर्मा उर्फ केशी को ईओ ¨वग की टीम ने चंडीगढ़ से शनिवार की शाम गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि र्इंओ ¨वग की एक टीम चंडीगढ़, खरड़, मोहाली और आसपास के इलाकों में डेरा जमाए बैठी है ताकि आरोपित राकेश कुमार की पत्नी रेणू वर्मा और बेटे दीपक वर्मा को भी किसी तरह से धर लिया जाए। कुछ समय पहले न्यायाधीश हरीश कुमार की अदालत ने तीनों आरोपितों को कोर्ट से लगातार गैर हाजिर रहने पर भगोड़ा भी घोषित कर दिया था।

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ईओ ¨वग (2) के इंस्पेक्टर अमृत सरूप और एएसआई विजय कुमार को सूचना मिली थी कि छेहरटा निवासी राकेश कुमार अपनी पत्नी रेणू वर्मा और बेटे दीपक वर्मा के साथ मोहाली के एक इलाके में छिपकर रह रहा है। इसी आधार पर ¨वग की टीम ने मोहाली उस स्थान पर छापामारी की जहां आरोपित छिपे बैठे थे। शनिवार की शाम पुलिस ने राकेश कुमार को धर लिया। एएसआई विजय कुमार ने बताया कि एक टीम अभी चंडीगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही है।

क्या है मामला

मामले की पैरवी कर रहे वकील रवि महाजन ने बताया कि आरोपित राकेश कुमार की नारायणगढ़ इलाके में काफी बड़ी प्रापर्टी है। उसने एक जगह की लगभग आठ रजिस्ट्रियां बनाकर पंजाब नेशनल बैंक, ओबीसी बैंक, पीएनबी हाउ¨सग फाइनेंस और स्टेट बैंक आफ इंडिया से करोड़ों रुपयों का लोन पास करवा लिया था। आरोप है कि राकेश कुमार ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर उस जगह के फर्जी दस्तावेज भी तैयार करवा लिए थे। वकील ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से दीपक टेक्सटाइल, पीएनबी से आरआर टेक्सटाइल, ओबीसी शिवा टेक्सटाइल और केसी टेक्सटाइल से करोड़ों रुपये का कर्ज ले लिया था। जब सभी बैंकों ने मिलकर आरोपियों की शिकायत की थी तो छेहरटा थाने की पुलिस ने साल 2014 में तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया था। बावजूद आरोपित पुलिस से बचते रहे और अदालत ने गैर हाजिर रहने पर उन्हे भगोड़ा घोषित कर दिया था।


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