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रिट्रीट सेरेमनी में 300 लोगों को एंट्री मगर हजारों के बराबर दिखा जोश, देखें तस्वीरें..

559 दिन बाद शुक्रवार को अटारी में रिट्रीट सेरेमनी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 06:00 AM (IST)
रिट्रीट सेरेमनी में 300 लोगों को एंट्री मगर हजारों के बराबर दिखा जोश, देखें तस्वीरें..
रिट्रीट सेरेमनी में 300 लोगों को एंट्री मगर हजारों के बराबर दिखा जोश, देखें तस्वीरें..

विपिन कुमार राणा, अमृतसर: 559 दिन बाद शुक्रवार को अटारी में रिट्रीट सेरेमनी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। फिलहाल अभी यहां पर 300 लोगों को ही एंट्री दी जाएगी। शुक्रवार को भी इतने ही लोग इस रिट्रीट का गवाह बने। इससे पहले यहां पर 20 से 25 हजार लोग आते थे। मगर कोविड के कारण बेशक शुक्रवार को 300 लोग ही वहां मौजूद थे मगर उनमें देशभक्ति का जोश हजारों लोगों के बराबर रहा। वे देशभक्ति के गीतों पर थिरके और वंदे मातरम और भारत माता की जय के खूब जयघोष लगाए।

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दरअसल, लंबे समय से होटल व रेस्टोरेंट कारोबारी मांग कर रहे थे कि शहर के दो महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल शहीदी स्थल जलियांवाला बाग और अटारी पर रिट्रीट सेरेमनी को शुरू किया जाए। देश-विदेश से अमृतसर आने वाले लोग इन्हें देखना चाहते हैं। इनके बंद होने से पर्यटक सिर्फ एक दिन का ही स्टे अमृतसर में करता है और फिर माथा टेककर चले जाते हैं। बार-बार मांग के उठने के बाद 28 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 करोड़ की लागत से रेनोवेट किया शहीद स्थल जलियांवाला बाग लोगों को समर्पित कर दिया गया। जलियांवाला बाग भी 15 फरवरी 2020 से रेनोवेशन व कोविड की वजह से बंद था। अब अटारी जेसीपी पर रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने से कारोबारी उत्साहित तो हैं, पर उनकी मांग है कि संख्या तीन सौ से बढ़ाकर कम से कम दस हजार होनी चाहिए। कारोबारी बोले, 50 फीसद क्षमता का फार्मूला लागू हो तभी होगा कारोबार को लाभ

गुरुनगरी पर्यटन की हब बन चुकी है, जिसकी वजह से पर्यटन स्थलों पर शहर की बड़ी होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री निर्भर करती है। कोविड की वजह से पर्यटन स्थलों के बाद होने के बाद होटल कारोबारियों को परेशानी और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। अब जब रिट्रीट सेरेमनी तीन सौ लोगों के साथ शुरू की गई है तो इससे होटल कारोबारी उतने खुश नहीं है। उनका कहना है कि कम से कम 50 फीसद वाला फार्मूला इस पर भी लागू होना चाहिए। तीन सौ में तो वीवीआइपी ही रिट्रीट देख सकेंगे या फिर कुछेक वो लोग समय पर रजिस्ट्रेशन वह करवा लेंगे। ऐसे में पर्यटक भी परेशान होंगे क्योंकि उन्हें वहां पहुंचने पर पता चलेगा कि 300 लोग पूरे हो गए हैं और फिर उन्हें लौटा दिया जाएगा। इससे समय खराब होगा और उनका आर्थिक नुकसान भी होगा। कम संख्या से आम लोग परेशान होंगे, प्रभावशाली को ही होगा लाभ : चट्ठा

अमृतसर होटल एंड रेस्टोरमेंट एसोसिएशन के प्रधान एपीएस चट्ठा ने कहा कि रिट्रीट सेरेमनी को लेकर भी कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए। अब 300 लोगों के साथ इसे खोला गया है, जो व्यावहारिक नहीं है, उल्टा इससे पर्यटक परेशान होंगे। प्रशासन में दबाव रखने वाले लोग अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेंगे, जबकि आम लोग इंतजार करते रह जाएंगे। इसलिए कोविड के फार्मूला के मुताबिक ही सही कम से कम 50 फीसद क्षमता के साथ तो लोगों को एंट्री दी जानी चाहिए। 50 फीसद क्षमता के साथ लोगों को मिले एंट्रे : सुरिदर गांधी

फेडरेशन आफ होटल एंड गेस्ट हाउस एसोसिएशन के प्रधान सुरिदर सिंह गांधी ने कहा कि अटारी सीमा पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इसमें मात्र 300 लोगों को ही एंट्री दी गई है। यह बहुत ही कम है। इसका इंडस्ट्री को ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि आम दिनों में 20 से 25 हजार लोग जाते थे, ऐसे में पंजाब सरकार को वहां पर 50 फीसद क्षमता के साथ लोगों की प्रवेश करने की अनुमति देनी चाहिए। मायूस लौटे कई लोग

शुक्रवार को रिट्रीट सेरेमनी की सूचना पाकर रिट्रीट देखने के लिए काफी लोग आइसीपी अटारी पर पहुंच गए। वहां उन्हें पता चला कि अभी सिर्फ तीन सौ लोगों को ही एंट्री दी गई है। बीएसएफ के जवानों ने उन्हें वहीं से लौटा दिया। लोगों को मलाल रहा है कि इतनी दूर आकर भी वह रिट्रीट सेरेमनी नहीं दे सके। आइसीपी बेरिगेट्स पर ही बीएसएफ के जवानों ने लोगों को वापस जाने को कह दिया। 1959 में शुरू हुई थी रिट्रीट सेरेमनी

बीटिग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत वर्ष 1959 में शुरू की गई थी। इसमें हर रोज शाम को दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज उतारने की रस्म अदा की जाती है। इसमें भारत से बीएसएफ के जवान और पाकिस्तान की ओर से पाक रेंजर्स शामिल होते हैं। दोनों देशों के हजारों लोग पहुंचते रहे हैं और अपने जवानों का जोश बढ़ाने के लिए देशभक्ति के नारे लगाते हैं। रिट्रीट सेरेमनी 156 सेकेंड की होती है जिसके बाद दोनों देशों के गेट फिर बंद कर दिए जाते हैं। जनवरी 2019 को लोकार्पण की थी दर्शक दीर्घा

तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-पाक सीमा स्थित ज्वाइंट चेक पोस्ट (जेसीपी) अटारी पर करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस दर्शक दीर्घा का जनवरी 2019 को उद्घाटन किया था। गैलरी का नींवपत्थर भी राजनाथ ने ही 22 मार्च 2015 को रखा था। तब 18 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को 21 महीनों में मुकम्मल किया जाना था। मगर 46 महीने में सात करोड़ रुपये अधिक की लागत से मुकम्मल किया जा सका। दर्शक दीर्घा गैलरी से सैलानियों को बीएसएफ और पाक रेंजर्स की संयुक्त परेड के साथ-साथ पाकिस्तान का भी नजारा साफ दिखाई देता है। पहले इसकी क्षमता पांच से छह हजार सैलानियों के लिए परेड देखने की थी, जो अब बढ़कर 25 से 30 हजार के बीच हो चुकी है। इससे पहले कब-कब बंद हुई रिट्रीट सेरेमनी

-1965 में भारत और पाक के बीच युद्ध के दौरान रिट्रीट सेरेमनी को पहली बार रद किया गया।

-1971 में भारत और पाक के बीच फिर युद्ध हुआ और रिट्रीट सेरेमनी रद कर दी गई।

-1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी रिट्रीट सेरेमनी को रद किया गया।

-दिसंबर 2014 को पाक की ओर वाघा बार्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद रिट्रीट सेरेमनी रद की गई।

-सितंबर 2016 में उड़ी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त भी सेरेमनी को रद किया गया।

-एक मार्च 2019 को पाकिस्तान की ओर से विग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के समय रिट्रीट सेरेमनी रद की गई।

-सात मार्च 2020 को कोरोना वायरस के बाद से ही रिट्रीट सेरेमनी बंद है।


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