सावधान! सिगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग किया तो लगेगा जुर्माना, जानें पहले दिन कितनों के चालान कटे
एक जुलाई से सिगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल के उत्पादन बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हरदीप रंधावा, अमृतसर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की हिदायत के अनुसार पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ प्रदूषण को कम करने के मकसद से सरकार ने एक जुलाई से सिगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल के उत्पादन, बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में महानगर में पहले दिन से ही सख्ती शुरू कर दी गई है। हालांकि साथ ही जागरूक भी किया जा रहा है।
शुक्रवार को नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर (जेसी) हरदीप सिंह के निर्देशानुसार नगर निगम की सेहत विभाग की 35 टीमों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर जागरूक किया। उन्होंने सिगल यूज प्लास्टिक के लिफाफों सहित सिगल यूज थर्मोकोल के कई विक्रेताओं और मैन्युफैक्चररों को जानकारी दी। निगम की टीमों में सात चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर (सीएसआइ) और 28 सेनेटरी इंस्पेक्टर (एसआइ) भी शामिल हैं। 28 सेनेटरी इंस्पेक्टरों को 85 वार्डो में से औसत तीन-तीन दिए गए हैं।
नगर निगम के सेहत विभाग के सेहत अधिकारी डा. किरण कुमार ने बताया कि सिगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल का इस्तेमाल नहीं करने के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ चालान भी काटे जाएंगे। शुक्रवार को पहले दिन शहर में कुल 19 सिगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर चालान काटे गए हैं, जोकि दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर लिफाफे रखे हुए थे। वहीं 23 चालान मलबा और गंदगी फैलाने वालों के किए गए हैं। उसमें लोगों ने अपने निर्माण करके मलबा सड़क व गली में फेंका हुआ था। 28 टन सिगल यूज रोज निकलता है कचरे से
14 लाख के करीब शहर की आबादी है। शहर से रोज 420 टन कचरा निकलता है, जिसमें 240 टन गीला व 180 टन सूखा कूड़ा होता है। 180 टन सूखे कूड़े में से 28 टन सिगल यूज प्लास्टिक होता है। ऐसे में निगम के सामने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाना बड़ी चुनौती है। एक सप्ताह तक जागरूक करेंगे, फिर बढ़ेगी सख्ती
सरकारी आदेशानुसार सिगल यूज प्लास्टिक और सिगल यूज थर्माकोल के विक्रेताओं के साथ साथ मेन्युफैक्चररों व लोगों को लगभग एक सप्ताह तक जागरूक किया जाएगा। अगर इसका इस्तेमाल न रुका, तो निगम का सेहत विभाग सख्ती से विभागीय कार्रवाई करेगा। प्लास्टिक की इन 19 वस्तुओं पर बैन
सिगल यूज प्लास्टिक की 19 वस्तुओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। उनमें थर्मोकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बाक्स पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें, आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर व 75 माइक्रोन से कम वाले लिफाफे आदि शामिल हैं। सभी होटलों, रेस्टोंरेंटों, उद्योगों को नोटिस भेजे
पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के एक्सईएन हरपाल सिंह के मुताबिक उन्होंने शहर में सिगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाले बड़े-बड़े होटलों, रेस्टोंरेंटों के साथ-साथ बड़े-बड़े उद्योगों को नोटिस भेज दिए हैं। सोमवार से शहर में बड़े स्तर पर चेकिग अभियान भी चलाया जाएग। उनका कहना है कि सिगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन के यूनिटों का उनके पास कोई रिकार्ड नहीं, बल्कि पता लगा है एक-दो यूनिट चल रहे हैं। लाइसेंस रद और यूनिट सील करने का प्रविधान
नगर निगम के नियम अनुसार सेक्शन 323 के तहत चालान काटे जाएंगे, जिसमें कम से कम 500 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद सेक्शन 343 के तहत विक्रेता के साथ-साथ यूनिट का लाइसेंस रद हो सकता है। सेक्शन 347 और 349 के तहत दुकान व यूनिट को सील किया जा सकता है। एयरपोर्ट पर भी सिगल यूज प्लास्टिक पर लगा प्रतिबंध
श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथारिटी ने भी सिगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। एयरपोर्ट अथारिटी ने साफ कर दिया है कि परिसर में सिगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने एक जुलाई से पूरे देश में सिगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने का एलान किया था। इसके बाद एयरपोर्ट अथारिटी ने भी इस पर अमल करते हुए आदेश लागू कर दिए हैं। अब एक बार प्रयोग करके फेंक दिए जाने वाले प्लास्टिक से बने गिलास, स्ट्रा आदि सब एयरपोर्ट पर बंद हो जाएगा। प्लास्टिक के नुकसान
-प्लास्टिक नालियों में फंस जाता है। बरसात में शहर में जलभराव होता है।
-प्लास्टिक के लिफाफे मिट्टी के नीचे 100 साल बाद भी नहीं सड़ते हैैं।
-प्लास्टिक के लिफाफे निगलने से पशुओं की मौत हो जाती है।
-प्लास्टिक के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां लगती हैं।