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करोड़ों की ठगी में तीन कारोबारियों की जमानत खारिज

पंजाब नेशलन बैंक से 12.50 करोड़ की ठगी के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जगमोहन सिंह संघा की अदालत ने तीन कारोबारियों मंजीत सिंह गुरमीत सिंह और नवनीत कौर की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 12:23 AM (IST)
करोड़ों की ठगी में तीन कारोबारियों की जमानत खारिज
करोड़ों की ठगी में तीन कारोबारियों की जमानत खारिज

नवीन राजपूत, अमृतसर

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पंजाब नेशलन बैंक से 12.50 करोड़ की ठगी के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जगमोहन सिंह संघा की अदालत ने तीन कारोबारियों मंजीत सिंह, गुरमीत सिंह और नवनीत कौर की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। मामले में उक्त तीन आरोपितों के साथ-साथ भूपिदर सिंह, अरविदर पाल सिंह, अजीत सिंह और इंद्रजीत सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है।

मामले की पैरवी कर रहे वकील रवि महाजन ने बताया कि सुल्तानविड इलाके में कोछड़ फाइबर कंपनी के उक्त पदाधिकारियों ने साल 2011 में बैंक की हाल बाजार शाखा से 12 करोड़, 52 लाख और 50 हजार रुपये का लोन कारोबार करने के लिए लिया था। आरोपितों ने कर्ज की कुछ किश्तें बैंक को अदा कीं और बाद में पैसों का भुगतान करना बंद कर दिया। साल 2014 में आरोपितों ने बैंक को बताया कि वह अपनी कंपनी का नाम कोछड़ फाइबर से बदलकर जेजे पॉली स्पिन लिमिटेड करना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें बैंक से अपनी फर्म और जगह के दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। बैंक ने कंपनी के पदाधिकारियों की बात समझकर उन्हें जमीन के दस्तावेज सौंप दिए। इसके बाद आरोपितों ने बैंक प्रबंधन को एक भी दस्तावेज नहीं लौटाया। बैंक को कुछ समय बाद पता चला कि आरोपितों ने कर्ज वाली जगह की रजिस्ट्री आगे किसी पार्टी को बेच दी है। उधर, आरोपितों ने बैंक को किश्तों को भुगतान करना भी बंद कर दिया था। बैंक ने पैसे नहीं आते देख डीसी के दरबार में अपने पैसों की वसूली और कंपनी पर कब्जा करने के लिए यायिका दायर की थी। डीसी कार्यालय ने 1 अगस्त 2016 को कब्जे के आदेश जारी कर दिए। जब बैंक की टीम ने मौके पर जाकर मुआयना किया तो पता चला कि कंपनी के अंदर सात करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत वाली 20 मशीनें गायब की जा चुकी हैं। जगह की रजिस्ट्री भी आगे किसी को बेच दी गई है। इसके बाद बैंक ने पुलिस कमिश्नर को सारा मामला बताकर आरोपितों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की गुहार लगाई। पुलिस ने लगभग एक साल की जांच के बाद 3 मार्च 2017 को उक्त सात आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और जालसाजी के आरोप में केस दर्ज कर लिया था।

आठ और आरोपितों पर होना है केस दर्ज

बैंक के वकील रवि महाजन ने बताया कि अभी तक पुलिस ने सात आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जांच की तो पता चला कि मामले में आठ और आरोपितों की हिस्सेदारी पाई जा रही है। अब बैंक ने पुलिस कमिश्रनर को एक और शिकायत दी है ताकि शेष आरोपितों के नाम भी एफआईआर में शामिल किए जाएं।


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