बोर्ड के स्थानीय दफ्तर में ही जमा किए जाएं एफिलिएशन फार्म : राणा
पांचवीं व आठवीं स्कूल्स के एफिलिएशन फार्म मोहाली में नहीं बल्कि स्थानीय कार्यालय में ही जमा करवाने के आदेश जारी करे।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : एसोसिएटिड और प्राइवेट स्कूल्स आर्गनाइजेशन ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) से गुहार की है कि वह पांचवीं व आठवीं स्कूल्स के एफिलिएशन फार्म मोहाली में नहीं बल्कि स्थानीय कार्यालय में ही जमा करवाने के आदेश जारी करे। इससे निजी स्कूल्स संचालकों को मोहाली व चंडीगढ़ के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी। साथ ही वे स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में अपना ध्यान फोकस कर पाएंगे।
आर्गनाइजेशन की एक बैठक राणा जगदीश चंद्र और जतिदर शर्मा की अगवाई में हुई। बैठक में जिले के 150 से अधिक स्कूलों ने बोर्ड अधिकारियों से अपील की गई कि एफिलिएशन की जो फाइल्स मोहाली में जमा करवाने का आर्डर है उस पर पुनर्विचार कर जिला क्षेत्रीय दफ्तर में ही जमा करवाने का आदेश किया जाए। पूरे पंजाब भर से पांचवीं, आठवीं के हजारों स्कूल फाइल्स लेकर मोहाली जाएंगे, जिसमें अधिक समय और धन व्यय होगा। बोर्ड का भी काम काफी बढ़ जाएगा। क्षेत्रीय दफ्तर में फाइल जमा करवाने से स्कूलों को परेशानी कम होगी।
इस मौके पर सभी स्कूलों ने बोर्ड के इस फैसले का भी स्वागत किया, जिसमें पांचवीं, आठवीं की परीक्षा बोर्ड ने स्वयं लेने का फैसला किया। इस तरह बच्चों में पढ़ाई के प्रति जिम्मेदारी और लगन बढ़ेगी। पंजाब भर में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा। इस अवसर पर जतिदर शर्मा, गरुबाज सिंह, मनोज सरीन, विजय शर्मा, भरत चड्ढा, राजीव सचदेवा, परमिदर सिंह, प्रदीप शर्मा, प्रिया पराशर, तरसेम लाल, विजय स्याल, डा. संजीव, नरेश, ज्योति, अश्वनी सैनी, मंजीत सिंह, मलकीत सिंह वेरका, सुखवंत सिंह, सुनील बतरा आदि मौजूद थे।
ऑनलाइन प्रोफार्मा अप्लाई करने की तारीख 15 तक बढ़ी
पीएसईबी ने एफिलिएशन अप्लाई करने के लिए तीस सितंबर तक का जो समय दिया वह बहुत ही कम था। पांचवीं और आठवीं के स्कूल्स पहली बार ऑनलाइन प्रोफार्मा अप्लाई कर रहे हैं, जिसमें उनको बहुत-सी मुश्किलें आ रही हैं। इस बीच बोर्ड की ओर से तारीख बढ़ाने की सूचना दी गई, जिससे प्रिसिपलों ने राहत की सांस ली। बोर्ड ने 15 अक्टूबर तक तारीख बढ़ाने का आर्डर किया है। इस अवसर पर एसोसिएशन के चेयरमैन राणा जगदीश चंद्र ने बोर्ड अधिकारियों का धन्यवाद किया। राणा ने कहा कि बोर्ड ने स्कूल की मुश्किलों को ध्यान में रख कर समय बढ़ा दिया।