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पांच प्यारों का एक और गुरमता, जत्थेदारों से इस्तीफे लें

एसजीपीसी व श्री अकाल तख्त साहिब के पांच प्यारों के बीच में जारी विवाद के बीच पांच प्यारों ने बड़ा धमाका किया। निलंबन को दरकिनार कर फिर से श्री गुरुग्रंथ साहिब की उपस्थिति में गुरमता पारित कर आदेश दिया कि पांच तख्तों के जत्थेदारों से तत्काल इस्तीफे लिए जाएं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2015 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2015 01:06 PM (IST)
पांच प्यारों का एक और गुरमता, जत्थेदारों से इस्तीफे लें

अमृतसर [अशोक नीर] । एसजीपीसी व श्री अकाल तख्त साहिब के पांच प्यारों के बीच में जारी विवाद के बीच पांच प्यारों ने बड़ा धमाका किया। निलंबन को दरकिनार कर फिर से श्री गुरुग्रंथ साहिब की उपस्थिति में गुरमता (धार्मिक प्रस्ताव) पारित कर एसजीपीसी को आदेश दिया कि पंथ हित में पांच तख्तों के जत्थेदारों से तत्काल इस्तीफे लिए जाएं। उनकी सेवाएं बंद कर दी जाएं। इसके कुछ देर बाद एसजीपीसी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने गुरमता को रद करार दिया है। उन्हाेने कहा कि पांच प्यारों को हुक्मनामाजारी करने का अधिकार नहीं है।

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पांच प्यारों ने पांच तख्तों के जत्थेदारों के मद्देनजर कहा है कि बीते कुछ समय में इन्होंने खालसा पंथ की ऊंची व महान परंपराओं के विरुद्ध फैसले लिए हैं। इससे पंथ को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। इससे पूर्व श्री अकाल तख्त साहिब में उपस्थिति में संगत ने 'बोले सो निहाल' के जयघोष से पारित गुरमता पर रजामंदी की मुहर लगाई। इस गुरमता से एसजीपीसी फिर कटघरे में आ गई है। हालांकि यह भी सच है कि पांच प्यारे एसजीपीसी द्वारा निष्कासित हैं।

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दो दिन पूर्व पांच प्यारों ने पांच तख्तों के जत्थेदारों को शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख माफी प्रकरण पर स्पष्टीकरण का गुरमता पारित किया था, जिसके बाद एसजीपीसी ने इन्हें निलंबित कर दिया था। शुक्रवार को पांच प्यारों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में लगभग डेढ़ घंटे तक जत्थेदारों का इंतजार किया, लेकिन एक भी जत्थेदार नहीं पहुंचा और न ही इस बाबत किसी ने संपर्क किया।

पांच प्यारे में से एक सतनाम सिंह खंडा ने कहा कि जिस तरह जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह का तिरस्कार हो रहा है, उससे स्पष्ट है कि अब पंथ को उनकी जरूरत नहीं है। पंथ का नेतृत्व कौन करे, सिख पंथ सरबत खालसा बुलाकर निर्णय ले। यह भी कहा कि एसजीपीसी के पास पांच प्यारों को निष्कासित करने का अधिकार नहीं है।

पांच प्यारे का गुरमता रद, उन्हें आदेश देेने का हम नहीं : मक्कड़

उधर एसजीपीसी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि पांच प्यारों के अधिकार क्षेत्र में हुक्मनामा, आदेश, संदेश या फरमान नहीं है। शिरोमणि कमेटी निष्कासित पांच प्यारों के इस फैसले को रद करती है। पंथ में हुक्मनामा जारी करने का अधिकार केवल तख्त साहिबान के जत्थेदारों को है। पांच प्यारों ने परंपराओं को नजरअंदाज किया। पांच प्यारे निलंबित कर्मी हैं उन्हें काम का अधिकार नहीं है।

उन्होंने बताया कि इन मामलों पर विचार-विमर्श के लिए 26 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित सब आफिस में एसजीपीसी कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है, जहां पांच प्यारों द्वारा पैदा किए हालातों पर चर्चा होगी।


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