महिला आयोग ने भंग की सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी
अमृतसर गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट पर महिला जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को पंजाब महिला आयोग की चेयरपरसन मनीषा गुलाटी अमृतसर पहुंची।
जागरण संवाददता, अमृतसर
गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट पर महिला जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को पंजाब महिला आयोग की चेयरपरसन मनीषा गुलाटी अमृतसर पहुंची। मनीषा गुलाटी ने मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल से घटनाक्रम की जानकारी हासिल की।
इस दौरान मनीषा गुलाटी ने गुरुनानक देव अस्पताल में गठित सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी को भंग कर दिया। दरअसल, 11 सदस्यों पर आधारित इस कमेटी में 10 मेंबर अस्पताल के ही थे। इस पर मनीषा गुलाटी ने ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के ही किसी डॉक्टर अथवा अधिकारी पर सेक्सुअल ह्रासमेंट का आरोप लगे, तो सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी उनके खिलाफ फैसला क्यों देगी, क्योंकि कमेटी के सभी सदस्य अस्पताल में ही काम करते हैं। यह नियमों की अवहेलना है।
मनीषा गुलाटी ने मेडिकल सुप¨रटेंडेंट को आदेश दिया कि वह सात सदस्यों पर आधारित नई कमेटी का गठन करें। इस कमेटी में तीन मेंबर अस्पताल के सीनियर डॉक्टर हों, जबकि चार मेंबर वे हों जिनका अस्पताल से कोई संबंध नहीं। इन चार मेंबरों में एडवोकेट, सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआइ कार्यकर्ता को शामिल किया जाए।
महिला आयोग की चेयरपरसन ने कहा कि महिला की सुरक्षा के लिए महिला आयोग सख्ती से कदम उठा रहा है। किसी भी क्षेत्र में महिला का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने कहा कि 3 फरवरी को छेड़छाड़ का शिकार महिला डॉक्टर से उन्होंने केवल इतना कहा था कि सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार है। मेरा आशय उसे आगाह करना था। हालांकि जूनियर रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने इसका गलत मतलब निकाला और स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दीं। मनीषा गुलाटी ने उस महिला डॉक्टर से भी बात करनी चाही, पर वह उस वक्त अस्पताल में नहीं थी।