कमिश्नर मैडम..डीसीएफए पंकज व सुपरिटेंडेंट भाटिया को ब¨ठडा भेजो
अमृतसर सांझी संघर्ष कमेटी ने मुलाजिमों की चिरलंबित मांगों को लेकर कमिश्नर सोनाली गिरि को 72 घंटे का नोटिस दे दिया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
सांझी संघर्ष कमेटी ने मुलाजिमों की चिरलंबित मांगों को लेकर कमिश्नर सोनाली गिरि को 72 घंटे का नोटिस दे दिया। ज्ञापन देने पहुंचे यूनियन नेताओं के डीसीएफए पंकज कपूर और जनरल ब्रांच के सुपरिटेंडेंट सुनील भाटिया को ब¨ठडा बदलने की मांग की। इतना ही नहीं उन्होंने वेतन क्लर्कों द्वारा समय पर वेतन न बनाने पर भी अपना आक्रोश दर्ज करवाया। जिस पर कमिश्नर ने सभी क्लर्कों को तलब करते हुए उनकी जमकर क्लास लगाई और उन्होंने हर हाल में 7 तारीख तक मुलाजिमों को वेतन बनाने के निर्देश दिए।
कमेटी नेताओं विनोद बिट्टा, हर¨जदर वालिया, कर्मजीत ¨सह केपी, मेजर ¨सह बीका, अरूण सहजपाल, मनोज कुमार आदि ने मांग की कि पीएफ घोटाले में लेखा शाखा की क्लर्क जसप्रीत कौर और महिला सेवादार नीना सरीन को मुअतल करने के अलावा उन पर एफआइआर भी दर्ज करवा दी गई। लेकिन इसमें संलिप्त अधिकारियों एसई प्रदूमन ¨सह, डीसीएफए मनु शर्मा और डीसीएफए अश्वनी भगत न तो विभागीय और न ही कानूनी कार्रवाई की गई। इसे लेकर मुलाजिमों में रोष है। कमिश्नर ने उन्हें स्पष्ट किया कि अगर सबको ब¨ठडा ट्रांसफर कर दिया गया तो यहां काम कौन करेगा। इतना ही नहीं कमिश्नर ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह आपके ही बंदे है, फिर अब क्या हो गया। अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि पीएफ घोटाले को लेकर वह पहले भी सरकार को पत्र लिख चुकी है और अब फिर रिमाइंडर भेजा जाएगा। इस पर कार्रवाई तो सरकार ने करनी है।
मांगों पर जल्द से जल्द गौर हो
कमेटी नेताओं ने निगम अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए। उन्होंने पीएफ फंड की राशि ब्याज सहित जमा करवाने, दर्जा चार सफाई कर्मियों को त्यौहार के अगले दिन छुट्टी घोषित करने, मोहल्ला सुधार कमेटी के 195 सीवरमैनों को पक्का करने और निगम कार्यालय कर्मियों को जोन में तबदील न करने की मांग की गई।
निगम मांगों को लेकर गंभीर : गिरि
कमिश्नर सोनाली गिरि ने मुलाजिमों को मांगों पर कहा कि त्योहार के अगले दिन उसी सफाई सेवक को छुट्टी होगी, जो उस दिन फील्ड में निकला होगा। जालंधर व अमृतसर के सीवरमैनों को पक्का करने की फाइल सरकार के पास पहुंची हुई है। किसी भी अधिकारी का तबादला अन्य शहर में करने की पावर उनके पास नहीं है। अगर उन अधिकारियों को दूसरे शहर में भेज दिया गया तो फिर अमृतसर निगम में काम किस अधिकारी से करवाया जाएगा। निगम का काम सही तरीके से चलाने के लिए कार्यालय कर्मचारियों की जोन में ड्यूटियां लगाई जानी जरूरी है।