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अमृतसर रेल हादसा : सिद्धू के करीबी व दशहरा के आयोजक मिट्ठू मदान पर कसा शिकंजा

अमृतसर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के करीबी मिट्ठू मदान को जौड़ा फाटक रेल हादसे के लिए कसूरवार माना गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 01:19 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 01:19 AM (IST)
अमृतसर रेल हादसा : सिद्धू के करीबी व दशहरा  के आयोजक मिट्ठू मदान पर कसा शिकंजा
अमृतसर रेल हादसा : सिद्धू के करीबी व दशहरा के आयोजक मिट्ठू मदान पर कसा शिकंजा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के करीबी मिट्ठू मदान को जौड़ा फाटक रेल हादसे के लिए कसूरवार माना गया है। 19 अक्टूबर को अमृतसर के जौड़ा फाटक पर ¨जदा लोग एक पल में ही लाशों में परिवर्तित हो गए थे। इस हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के बाद रेलवे क्रॉ¨सग के गेटमैन और आयोजन के आयोजक मिट्ठू मदान को कसूरवार माना गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह ने रेल हादसे के जिम्मेवार सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। हालांकि रेलवे ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इसमें उनका कोई कसूर नहीं।

दरअसल, रेल हादसे के बाद मजिस्ट्रेट जांच में दावा किया गया है कि दशहरा उत्सव में 60 लोगों की मौत हुई। जालंधर डिवीजन के कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने एक महीने की जांच के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस घटना में डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को क्लीन चिट दी गई है, जबकि आयोजक मिट्ठू मदान व रेलवे को जिम्मेवार ठहराया गया है। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि आयोजक ने इस कार्यक्रम को बिना अनुमति और बिना सुरक्षा प्रबंधों के करवाया।

इस रिपोर्ट में जौड़ा फाटक के गेटमैन को भी दोषी बताया गया है। रेल ट्रैक पर साढ़े पांच बजे भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी तो गेटमैन ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। वहीं आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को क्लीन चिट दी गई है। इस रिपोर्ट के बाद मिट्ठू मदान व गेटमैन पर कानूनी शिकंजा कस सकता है। चारदीवारी में था आयोजन, लोग बाहर खड़े थे : मिट्ठू

वहीं पार्षद पुत्र मिट्ठू मदान ने कहा कि यह एक घटना थी जो अचानक घटित हुई। कोई भी कुछ समझ नहीं पाया। डॉ. नवजोत कौर सिद्धू चीफ गेस्ट बनकर आई थीं। महज दस से पंद्रह मिनट में ही रेल आई और पटरियों पर खड़े लोगों को काटते हुए आगे निकल गई। इसमें कोई कसूरवार नहीं। दुख का विषय है कि अकाली दल व भाजपा ने इस मामले में जमकर सियासत की। इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने किसी मृतक या घायल के पारिवारिक सदस्य की मदद नहीं की। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू ने मृतकों के परिवारों को अडॉप्ट किया। हमने पुलिस प्रशासन नगर निगम की परमीशन से यह आयोजन करवाया था। दशहरा उत्सव चारदीवारी के अंदर था, जबकि लोग बाहर खड़े थे। इसमें मेरा क्या कसूर।

रेल हादसा : कब—कब क्या—क्या हुआ

—19 अक्टूबर : जौड़ा फाटक स्थित धोबीघाट के दशहरा मैदान के साथ सटे रेल ट्रेक पर दशहरा देख रहे 60 लोगों को डीएमयू ट्रेन ने रौद दिया और 58 के लगभग लोग घायल हो गए।

—19 अक्टूबर : रेल राज्यमंत्री मनोज ¨सह देररात 12.40 बजे भाजपा नेताओं के साथ देर रात को ही घटनास्थल पर पहुंच गए ओर उन्होंने रेलवे को इस बाबत क्लीन चिट दे दी।

—20 अक्टूबर : जीआरपी ने इस बाबत एफआईआर दर्ज की, पर इसमें किसी को भी घटना के लिए नामजद नहीं किया गया।

—20 अक्टूबर : मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह ने इसकी मैजिस्टेटरी जांच के आदेश दिए, जिसकी रिपोर्ट चार सप्ताह बाद आने की बात कहीं गई।

—20 अक्टूबर : मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह घटना के 17 घंटे बाद अमृतसर पहुंचे ओर उन्होंने घटनास्थल का दौरा करने के अलावा घायलों का हालचाल पूछा।

—21 अक्टूबर : निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के रेल हादसे के लिए रेल और डीएमयू के ड्राइवर को जिम्मेदार बताया।

—21 अक्टूबर : रेल ट्रेक पर जुटे लोगों और पुलिए में झड़प हुई, जिसमें लोग, पुलिस और पत्रकार घायल हुए।

—21 अक्टूबर : डीएमयू के लोको पायलेट अर¨वद कुमार की स्टेटमेंट वायरल हुई, जिसमें उसने कहा कि उसने हार्न बजाया, पर लोगों ने सुना नहीं। उसने ब्रेक लगाई, पर भीड़ देख गाड़ी दोबारा भगा ली।

—22 अक्टूबर : एडीजीपी (जीआरपी) के आदेश पर चार सदस्यों की एसआईटी(स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) बनाई गई। जिसने तीन महीने में जांच रिपोर्ट डीजीपी सुरेश अरोड़ा को सौंपनी है।

—22 अक्टूबर : 21 पीड़ित परिवारों को 5—5 लाख की राशि की मुआवजा राशि के चेक भेंट किए गए।

—24 अक्टूबर : सिद्धू, डा. सिद्धू और मिट्ठू पर मामला दर्ज करवाने के लिए अकाली दल व भाजपा ने मोहकमपुरा थाना घेरा।

—25 अक्टूबर : नगर निगम ने घोषणा की कि वह मृतकों के परिवारों को नौकरी देगा और इस बाबत सदन में प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

—25 अक्टूबर : जालंधर डिवीजन के कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने मेजिस्टेटरी जांच शुरू की और ट्रस्ट कार्यालय में 51 गवाहों और पीड़ितों के बयान कमलबंद हुए।

—30 अक्टूबर : मिट्ठू मदान और उसके परिवार के बयान मजिस्टेटरी जांच कर रहे डिवीजन कमिश्नर के समक्ष दर्ज हुए।

—2 नवंबर : डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के बयान हुए कलमबद्ध।


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