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मंत्रिमंडल का फैसला एसएसए-रमसा अध्यापकों ने नकारा, प्रदर्शन

अमृतसर पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा अध्यापकों को रेगुलर करने के फैसले को एसएसए-रमसा अध्यापक यूनियन ने नामंजूर कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 12:34 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 12:34 AM (IST)
मंत्रिमंडल का फैसला एसएसए-रमसा अध्यापकों ने नकारा, प्रदर्शन
मंत्रिमंडल का फैसला एसएसए-रमसा अध्यापकों ने नकारा, प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, अमृतसर

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पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा अध्यापकों को रेगुलर करने के फैसले को एसएसए-रमसा अध्यापक यूनियन ने नामंजूर कर दिया है। तनख्वाह कटौती के खिलाफ बिफरे एसएसए रमसा अध्यापक सरकार के खिलाफ डीईओ सेकेंडरी कार्यालय के बाहर स्थित पार्क में एकत्रित हुए और सरकार के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अध्यापकों ने कहा कि दस सालों से ठेके पर काम करने वाले एसएसए व रमसा अध्यापकों के लिए आज का दिन इतिहास का सबसे काला दिन है। आज की कैबिनेट मी¨टग में सरकार ने अध्यापकों के लिए घातक फैसला लिया है। उनकी सेवाएं शिक्षा विभाग में रेगुलर करने के लिए उनकी मौजूदा तनख्वाह पर 65 प्रतिशत कट लगा कर सरकार ने अध्यापकों की पिछले दस सालों की सर्विस को मिट्टी कर दिया। अध्यापकों ने डीईओ दफ्तर से देर शाम रोष मार्च के लिए निकलने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें डीईओ दफ्तर की पार्क में ही नजरबंद कर दिया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।

एसएसए रमसा अध्यापक बुधवार शाम पांच बजे डीईओ आफिस के आगे एकत्रित हुए और अपने गुस्से का इजहार किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एसएसए रमसा अध्यापक यूनियन के वरिष्ठ सदस्य अर¨जदर कलेर ने कहा कि सीएम की अगवाई में कैबिनेट ने अध्यापक विरोधी फैसला लिया है। अध्यापक इस फैसले को मंजूर नहीं करेंगे। कैबिनेट के फैसले से उनकी ¨जदगी व उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। पहले दस साल से सरकार ठेके पर रख कर उनका शोषण कर रही है व अब तनख्वाह कम कर उनको भूखे मरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यदि ऐसे फैसले से किसी भी अध्यापक का कोई नुकसान होता है तो इसकी सीधी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।

उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सरकार आज की कैबिनेट फैसले को वापस नहीं लेती तो पहले लिए फैसले के अनुसार सांझा अध्यापक मोर्चा की अगवाई में सात अक्टूबर से पटियाला में पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। जब तक सरकार की ओर से यह फैसला वापस लेकर पूरे लाभ समेत रेगुलर नहीं किया जाता तब तक पक्का मोर्चा जारी रहेगा।

इस अवसर पर अमरजीत भल्ला, बलकार वल्टोहा, प्रभ¨जदर ¨सह, जीएस बाजवा, सुखराज सरकारिया, ओंकार ¨सह, हरदीप ¨सह, हरजीत ¨सह, जसप्रीत ¨सह, जगदीश ¨सह, हरप्रीत ¨सह, मनीष, बरखा, सोनिया, रा¨जदर कौर, नीतू वरमा, निधि आदि मौजूद थे।


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