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मिट्ठू की बंद कोठी सुरक्षा के घेरे में, सिद्धू की कोठी के बाहर वीरानगी

अमृतसर जौड़ा फाटक रेल हादसे को लेकर दशहरा कमेटी ईस्ट के आयोजक तो कटघरे में है ही, वहीं प्रधान व पार्षद पुत्र सौरभ मदान मिट्ठू को लेकर लोगों में खासा रोष बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 12:55 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 12:55 AM (IST)
मिट्ठू की बंद कोठी सुरक्षा के घेरे में, सिद्धू की कोठी के बाहर वीरानगी
मिट्ठू की बंद कोठी सुरक्षा के घेरे में, सिद्धू की कोठी के बाहर वीरानगी

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

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जौड़ा फाटक रेल हादसे को लेकर दशहरा कमेटी ईस्ट के आयोजक तो कटघरे में है ही, वहीं प्रधान व पार्षद पुत्र सौरभ मदान मिट्ठू को लेकर लोगों में खासा रोष बना हुआ है। प्रदर्शनकारियों का आक्रोश ही है कि उन्होंने शुक्रवार रात को न्यू तहसीलपुरा स्थित उनकी कोठी नंबर 76 के शीशे तोड़ दिए। कैबिनेट मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के करीबी मदान की बंद पड़ी कोठी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और 20 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी उसकी सुरक्षा में तैनात कर दिए गए हैं।

वहीं दूसरी तरफ दशहरा समारोह में मुख्यातिथि रही पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को लेकर भी लोगों में आक्रोश है। लोगों का आरोप था कि वह तय समय से लेट आई, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ और हादसे का पता लगने के बावजूद वह वहां से चली गई। हालांकि इसे डॉ. सिद्धू नकार चुकी हैं। होली सिटी स्थित कैबिनेट मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू की कोठी पर भी हादसे के बाद से वीरानी छाई हुई है। रुटीन में ही उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मचारी कोठी की दोनों तरफ खड़े हैं, ताकि आक्रोशित लोग कहीं वहां न पहुंच जाएं। लोगों का आरोप है कि अगर मदान ने परमीशन ली थी और वह हादसे के लिए दोषी नहीं है तो फिर वह परिवार सहित फरार क्यों हैं। डॉ. सिद्धू को खुश करने के लिए जुटाई भीड़

दशहरा कमेटी ईस्ट के प्रधान मिट्ठू मदान शुक्रवार रात से ही परिवार सहित फरार हैं। मिट्ठू वार्ड नंबर 29 की कांग्रेसी पार्षद विजय मदान के बेटे हैं और यूथ कांग्रेस के महासचिव हैं। डॉ. सिद्धू को ही खुश करने और अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए मिट्ठू मदान ने धोबीघाट के मैदान भीड़ जुटाई थी। डॉ. सिद्धू की आमद तक लोग वहां जुटे रहे इसके लिए आकेस्ट्रा के अलावा गायक बूटा मोहम्मद को भी विशेष रूप से बुलाया गया था। इतना ही नहीं लोगों को समारोह देखने में दिक्कत न आए, इसके लिए एलईडीज भी लगाई गई थी और एलईडी का फेस भी रेलवे ट्रेक की तरफ किया गया था। सिद्धू-डॉ. सिद्धू मरीजों की देखरेख में जुटे

घटनाक्रम को लेकर डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पर लगे आरोपों के बावजूद वह पहले दिन से ही मरीजों की देखरेख में जुटी हुई है। शुक्रवार को दुर्घटना के बाद वह सिविल अस्पताल पहुंचीं और मरीजों की देखरेख व उपचार में जुट गई। कुछ एक मरीजों का उन्होंने खुद बतौर डाक्टर ट्रीटमेंट भी किया। हालांकि वहां उन्हें थोड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा, पर उसके बाद भी वह लगातार अस्पताल में मरीजों का हालचाल पूछने जा रही है। कैबिनेट मंत्री सिद्धू भी शनिवार को अमृतसर पहुंचने के बाद से ही डॉ. सिद्धू पर लगे आरोपों को नकार रहे हैं और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सिरे चढ़ाने में डटे हुए हैं। मिट्ठू पर मलिक ने लगाए थे हमले के आरोप

29 जुलाई को सिद्धू पर की गई सियासी टिप्पणी को अभद्र करार देते हुए सौरभ मिट्ठू मदान अपने समर्थकों सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक का घेराव करने पहुंचे। जब मलिक अपनी कोठी की बेक साइड से निकले तो यूथ कांग्रेसी उनके पीछे भागे। मलिक का आरोप था मिट्ठू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने तलवारें व लाठियां पकड़ी हुई थी और वह उन्हें जान से मारने की नीयत से ही आए थे। मलिक ने इसकी शिकायत डीजीपी पंजाब और पुलिस कमिश्नर से की थी। लेकिन सिद्धू के दबाव में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।


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