अमृतसर साहित्य उत्सव ने वसंत ऋतु को समर्पित कवि दरबार कराया
अमृतसर बसंत रितु को समर्पित पांचवें अमृतसर साहित्य उत्सव के तीसरे और आखिरी दिन चढि़या बसंत 11वें कवि दरबार का आयोजन करवाया गया।कवि दरबार में पेश की गई कविताओं से भविष्य की पंजाबी कविता के नक्शा पहचाने जा सकने की संभावना था जिसमें पंजाबी कविता के विभिन्न रंग पेश किए गए।पंजाब कला परिषद के चेयरमैन और पद्मश्री डॉ. सुरजीत सिंह पातर की अध्यक्षता में आयोजित कवि दरबार में कवियों ने अपनी अपनी कविताएं पेश करके खूब वाहवाही लूटी।कवि दरबार में मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
वसंत ऋतु को समर्पित पांचवें अमृतसर साहित्य उत्सव के तीसरे और आखिरी दिन चढि़या वसंत 11वें कवि दरबार का आयोजन किया गया। कवि दरबार में पेश कविताओं से भविष्य की पंजाबी कविता के स्वरूप पहचाने जा सकने की संभावना थी, जिसमें पंजाबी कविता के विभिन्न रंग पेश किए गए। पंजाब कला परिषद के चेयरमैन और पद्मश्री डॉ. सुरजीत सिंह पातर की अध्यक्षता में आयोजित कवि दरबार में कवियों ने अपनी अपनी कविताएं पेश करके खूब वाहवाही लूटी।
कवि दरबार में मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से प्रोफेसर यशपाल सिंह कांग ने कहा कि कविता सिर्फ कथन ही नहीं बल्कि सृजनात्मक और छिपे हुए अर्थो को प्रकट करने की कला है। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) के डीन अकादमी मामले से प्रो. सरबजोत सिंह बहल, पंजाबी अकादमी दिल्ली के सचिव गुरभेज सिंह गोराया और खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की प्रिसिपल डॉ. मनप्रीत कौर ने कविता के विषय पर जागरूक किया। जबकि कवि दरबार का आगाज डीसी शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने ज्योति प्रज्वलित करके किया। नाद प्रगास श्री अमृतसर के महासचिव वरिदरपाल सिंह ने कवि दरबार में पहुंचे सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया।