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65 लाख का बिजली बिल दुरुस्त नहीं करवा पाए पावरकॉम अधिकारी

पिछले दो साल से हर दो महीने बाद कम से कम 5000 और ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपये का बिल भरने वाले रंजीत एवेन्यू की कोठी नंबर 304 में रहने वाले नरिदर सिह को इस साल लगभग 65 लाख रुपये का बिजली बिल आया है। थ्री फेस बिजली का मीटर होने के बावजूद इतने ज्यादा बिल को सही करवाने के लिए नरिदर कभी एसडीओ कभी एक्सईएन और कभी एसई के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद विभाग के अधिकारी उनका बिल सही नहीं करवा पाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 12:32 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 12:32 AM (IST)
65 लाख का बिजली बिल दुरुस्त नहीं करवा पाए पावरकॉम अधिकारी
65 लाख का बिजली बिल दुरुस्त नहीं करवा पाए पावरकॉम अधिकारी

हरदीप रंधावा, अमृतसर : पिछले दो साल से हर दो महीने बाद कम से कम 5000 और ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपये का बिल भरने वाले रंजीत एवेन्यू की कोठी नंबर 304 में रहने वाले नरिदर सिह को इस साल लगभग 65 लाख रुपये का बिजली बिल आया है। थ्री फेस बिजली का मीटर होने के बावजूद इतने ज्यादा बिल को सही करवाने के लिए नरिदर कभी एसडीओ, कभी एक्सईएन और कभी एसई के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद विभाग के अधिकारी उनका बिल सही नहीं करवा पाए हैं। साफ है कि विभागीय कर्मचारियों को बार-बार इको फ्रेंडली एटमॉस्फेयर बनाने का दम भरने वाले पावरकॉम के दावों की सरेआम हवा निकलती नजर आ रही है।

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एसडीओ ने समस्या के हल की बजाय केस लगाने की सलाह दी

नरिदर सिंह ने बताया कि 250 गज की कोठी में वह साल-1980 से रहे हैं। परिवार में उनकी पत्नी व एक बेटा अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता है। उन्होंने बताया कि उनके मीटर की रीडिग में आई अचानक समस्या से मिले गलत बिजली बिल के चलते उन्हें भारी परेशानी हो रही है। नरिदर के मुताबिक वह बिजली के मीटर की दो बार पावरकॉम की मीटर इक्वीपमेंट (एमई) लैब से चैक करवा चुके हैं, जिसमें मीटर की रिपोर्ट भी बिल्कुल दुरुस्त पाई गई है। मीटर की रिपोर्ट लेकर वह साउथ सब-डिवीजन के एसडीओ के पास गए थे, जिन्होंने मीटर की समस्या हल करने की बजाय केस लगाने की सलाह दी थी। क्योंकि एमई लैब से मीटर की डाटा डाउन लोड (डीडीएल) रिपोर्ट नहीं मिल रही है। नरिदर ने बताया कि साल-2017 में उन्हें पहला बिल 6530, दूसरा बिल 5314, तीसरा बिल 6020, चौथा बिल 6890 व पांचवां बिल 6450 रुपये का आया था। जबकि साल-2018 में उन्हें पहला बिल 5360, दूसरा बिल 7260, तीसरा बिल 6690, चौथा बिल 6860 व पांचवां बिल 7830 रुपये आया था। इससे इस साल आया बिल कई गुणा अधिक है।

उपभोक्ता की समस्या करवा देंगे हल

बार्डर जोन के चीफ इंजीनियर संदीप कुमार सूद का कहना है का गलत बिल की समस्या को लेकर उपभोक्ता उनके कार्यालय में आएं, जिसके बाद उपभोक्ता की समस्या को देखकर उसका हल करवा दिया जाएगा।


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