फोटो.41. अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करें, या फिर सजा को तैयार रहें अधिकारी
अमृतसर श्री दरबार साहिब गलियारा के आसपास व वाल्ड सिटी में हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर अभी तक बहानेबाजी करते हुए रहे निकाय विभाग को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दो टूक कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।
फ्लैग—हाईकोर्ट ने खुद माना कि न्यायालय के आदेशों से उड़ाई जा रही धज्जियां, 2012 के प्रतिबंध के बावजूद हो रहे निर्माण, दिए आदेश
फोटो : 35 व 41 तक विपिन कुमार राणा, अमृतसर
श्री दरबार साहिब गलियारा के आसपास व वाल्ड सिटी में हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर अभी तक बहानेबाजी करते हुए रहे निकाय विभाग को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दो टूक कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। धारा 269 के तहत 214 अवैध होटलों व कमर्शियल अदारों को गिराने के नोटिस जारी करने के बावजूद अभी तक विभागीय कार्रवाई शून्य है। हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2019 को कोर्ट में पेशी के दौरान अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करके आने के आदेश दिए हैं, अन्यथा दोषी अधिकारियों को सजा के लिए तैयार रहने को रहने को कहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में निकाय विभाग को कहा है कि अवैध निर्माणों पर न्यायालय के आदेशों की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के अधिकारियों के शिथिल रवैये पर भी उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई। बि¨ल्डग बॉयलॉज और इमारतों को रेगुलाइज करने की कवायदों पर भी उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि 20 जुलाई 2012 के प्रतिबंध के आदेश के बावजूद बिना किसी मंजूरी के निर्माण हो रहे हैं और इसके पीछे अधिकारियों का हाथ है। उन्होंने धारा 269 के नोटिस देकर निर्माण गिराने की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए कि अभी तक इसे भी गंभीरता से नहीं लिया गया है। बताते चलें कि कार्रवाई के नाम पर निगम द्वारा नोटिस तो जारी किए गए हैं, पर कार्रवाई खानापूर्ति भरी ही रही है। आलम यह है कि जिन जगहों पर निगम कमिश्नर की निगरानी में कार्रवाई की गई है, वहां उसके बाद बहुमंजिला निर्माण खड़े हो गए। निगम की सील खोल होटलों के काम शुरू हो गए और कुछ में तो सी¨लग के दौरान अभी भी फिन¨शग का काम जारी है। एक महीने में काटने थे कनेक्शन
श्री दरबार साहिब गलियारा के आसपास बने हुए 214 होटलों व गेस्ट हाउसों पर निगम कमिश्नर ने 28 अगस्त को अपनी स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। जिसमें उन्होंने साफ कहा था कि सभी होटल व गेस्ट हाउसों को एमटीपी विभाग द्वारा नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अगर 30 दिनों तक इन्होंने खुद कार्रवाई न की तो निगम द्वारा इनके सीवरेज, पानी व बिजली के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। अगस्त में दिए गए इस हलफनामे की हकीकत यह है कि अभी तक मात्र 100 होटल व गेस्ट हाउस के कनेक्शन काटे गए है और 76 के लगभग संस्थानों पर एफआइआर दर्ज करवाई गई है। फजीहत का कारण बने अवैध निर्माण
गलियारा व वाल्ड सिटी में हो रहे अवैध निर्माण निगम और एमटीपी विभाग की ही नहीं निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू की भी फजीहत का कारण बने हुए हैं। सियासी शह पर हो रहे निर्माणों के आगे सिस्टम पंगू बना हुआ है। यही वजह है कि 31 दिसंबर को हुई निगम सदन की बैठक में पार्षदों ने भी अवैध निर्माणों पर जमकर सिस्टम को कोसा। सर्वसहमति से एमटीपी सहित पांचों एटीपीज को सस्पेंड करने की सिफारिश सरकार से की गई। आलम यह है कि इस सारी कवायद के बावजूद अभी भी बेखौफ निर्माण जारी है और विभागीय अधिकारी मूकदर्शक बने तमाशा देख रहे है। रेगुलाइजेशन के सभी आवेदन रद
अमृतसर वाल्ड सिटी अमेंडमेंट एक्ट के तहत गलियारा में 2016 से पहले हुए निर्माणों को रेगुलराइज करने की कवायद की गई। एमटीपी विभाग के पास आए आवेदनों में एक भी इमारत नियमों पर खरी नहीं मिली। पहले चरण में आए 147 आवेदनों में से किसी के भी मापक पूरे नहीं करनी की रिपोर्ट स्क्रूटनी कमेटी
सरकार को भेज चुकी है, जिसमें इन्हें रद किया जा चुका है। उसके बाद हुई बैठक में 157 आवेदनों पर विचार हुआ था। यह आवेदन फार्म ए के तहत 29 मई 2016 से पहले तथा फार्म बी के तहत 31 जनवरी 2018 से पहले हुए निर्माणों के आवेदन लिए गए थे। होटलों व गेस्ट हाउसों के मालिकों से पांच रुपये स्केयर फिट के हिसाब से प्रोसे¨सग फीस भी निगम ने जमा करवाई थी। इन निर्माणों द्वारा की गई हैं¨गग इन्क्रोचमेंट और पार्किंग के लिए इनके पास जगह न होना सबसे बड़ी बाधा नहीं हुई है।
बड़े नेता की कोठी में अवैध निर्माण करने वालों की से¨टग : वेरका
2012 में हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद कितने होटल बने और अब कितनों का निर्माण जारी है, इस पर निगम अभी तक स्थित स्पष्ट नहीं कर सका है। अवैध निर्माण करवाने के दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई है, इस पर भी निगम खामोश है। सियासी शह पर अभी भी जारी निर्माण जारी हैं। बड़े नेताओं की कोठी में पहले ही से¨टग के बाद अवैध निर्माण चल रहे है, जो अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहे।
—एडवोकेट सरबजीत ¨सह वेरका, चीफ इन्वेस्टीगेटर ह्यूमन राइट आग्रेनाइजेशन।
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जल्द फोर्स ले कार्रवाई होगी : रंधावा
गलियारा व वाल्ड सिटी में 214 अवैध इमारतों को धारा 269 के तहत नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 100 के लगभग इमारतों के पानी, सीवरेज व बिजली के कनेक्शन काटे गए हैं। 76 के लगभग एफआइआर दर्ज करवाई गई हैं। हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक जल्द ही पुलिस कमिश्नर से फोर्स मुहैया करवाने के लिए पत्र लिखा जाएगा, ताकि आगे की कार्रवाई करते हुए इन्हें सील किया जा सके और उन्हें गिराया जा सके।
—आइपीएस रंधावा, एमटीपी।