बीसी कैटेगरी में अतिरिक्त भर्ती होने पर 18 ईटीटी अध्यापकों को नोटिस
अमृतसर : पंजाब के सरकारी स्कूलों में पिछले लगभग ढाई साल से पढ़ा रहे 18 ईटीटी अध्यापकों की नौकरी से निकालने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है।
अखिलेश ¨सह यादव, अमृतसर : पंजाब के सरकारी स्कूलों में पिछले लगभग ढाई साल से पढ़ा रहे 18 ईटीटी अध्यापकों की नौकरी से निकालने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने कहा कि यह अध्यापक बीसी कैटागिरी में अतिरिक्त भर्ती हो गए थे। हैरानी वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग को ढाई साल बाद याद आया कि यह अध्यापक पोस्टों से अधिक भर्ती हो गए है। इसलिए अध्यापक संगठनों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सवालिया निशान उठाना शुरू कर दिया है।
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अमला द्वारा इस संबंधी जिला शिक्षा अधिकारियों को संबंधित अध्यापकों को तुरंत कारण बताओं नोटिस जारी करने का फरमान जारी किया है। विभाग के इस फैसले से संबंधित अध्यापकों में काफी रोष है। तथा डैमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने भी पीड़ित अध्यापकों के हक में विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा 30 जुलाई 2016 को 2005 ईटीटी अध्यापकों के पदों की भर्ती करने संबंधी विज्ञापन जारी किया था। विभाग द्वारा उस समय उक्त अध्यापकों की भी भर्ती की गई थी। विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि बीसी कैटेगरी के बनते पद से अधिक अध्यापकों की भर्ती हो गई थी। विभाग द्वारा 18 ईटीटी अध्यापकों की सेवाएं योग विधि अपना कर खत्म की जानी है। विभाग के पत्र में स्पष्ट किया गया कि 2005 ईटीटी अध्यापकों की भर्ती में बीसी कैटेगिरी की कटआफमैरिट के अनुसार आखिरी उम्मीदवार संदीप ¨सह पुत्र झंडा ¨सह था। विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि संबंधित अध्यापकों की सेवाएं खत्म करने से पहले तुरंत उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया जाए तथा इसकी कापी विभाग को भेजी जाए। अध्यापकों का कहना है कि वह सभी योग्याताएं पूरी करते है विभाग उनसे धक्का कर रहा है। उधर दूसरी ओर डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के प्रधान अश्वनी अवस्थी ने कहा कि उक्त अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर हो गई थी। समाज में उनका विशेष रुतबा था परन्तु विभाग के फैसले उनके मनों पर काफी ठेस पहुंचाई है। सुप्रीम कोर्ट के नियमों अनुसार किसी भी भर्ती में कभी भी कोई विभाग 10 प्रतिशत पोस्टे बढ़ा तथा कम कर सकता है। शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट के उक्त नियमों को मद्देनजर रखते संबंधित अध्यापकों की सेवाओं को जारी रखना चाहिए और उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। अवस्थी ने कहा कि विभाग ने अपना फैसला न बदला तो पूरे पंजाब में विभाग के पुतले फूंक प्रदर्शन किए जाएंगे।
इन अध्यापकों को जारी होंगे नोटिस
मुक्ता देवी तरनतारन, सनोज कुमार अमृतसर, वीरपाल कौर तरनतारन, रमनदीप कौर तरनतारन, नरिन्द्र कौर होशियारपुर, अंजू बाला तरनतारन, प्रभदीप कौर गुरदासपुर, प्रियंका देवी तरनतारन, प्रियंका रानी तरनतारन, मुहम्मद अमजद होशियारपुर, मनीषा रानी तरनतारन, वासूधा गोस्वामी होशियारपुर, हरप्रीत कौर अमृतसर, गगनदीप तरनतारन, गगनदीप कौर होशियारपुर, मनदीप कौर तरनतारन, कुलवीर कौर होशियारपुर, गगनदीप कौर होशियारपुर के नाम शामिल है।