पोस्टमार्टम हाउस में रात भर शव की अंगुलियां कुतरते रहे चूहे
- बाबा नागा रा¨जदर प्रसाद का शव डेड हाउस में रखा गया था - चूहों ने पैरों व हाथों की अंगुलियां कुतरीं, हड्डियां दिखने लगीं - पोस्टमार्टम के बाद गमगीन माहौल में हुआ बाबा का अंतिम संस्कार फोटो - 55,56
नितिन धीमान, अमृतसर
सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित फोरेंसिक विभाग में पोस्टमार्टम के लिए लाए गए बाबा नागा रा¨जदर प्रसाद के शव को चूहों ने कुतर दिया। चूहे व चुचुंदर रात भर उनके हाथ व पैरों की अंगुलियां चट करते रहे। सुबह जब शव को पोस्टमार्टम के लिए फोरेंसिक विभाग स्थित डेड हाउस से निकाला गया तो चूहे इसके इर्द गिर्द घूम रहे थे। कर्मचारियों ने शव को उठाया तो चूहे भाग खड़े हुए। बाबा के पैरों और हाथों की अंगुलियों से चमड़ी गायब थी। ठीक ऐसी अवस्था एक अन्य शव की भी हो चुकी थी। फोरेंसिक विभाग के कर्मचारी यह हृदय विदारक दृश्य देखकर सहम गए।
बाबा के अति नजदीकी रंजीत कुमार ने बताया कि एएसआइ अतर ¨सह ने बाबा की हत्या की थी। मौत के बाद सरकारी कुव्यवस्था के कारण उनके शव की दुर्गति हुई। बाबाजी के हाथों व पैरों की अंगुलियों से चमड़ी गायब थी। यहां तक कि हड्डियां नजर आ रही थीं। मैंने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां तो ऐसा ही होता है। डेड हाउस में एक और शव रखा था। इसका चूहों ने वही हश्र किया। खैर, दोपहर बाद फोरेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने बाबा के शव का पोस्टमार्टम कर दिया। इसके बाद श्री दुग्र्याणा तीर्थ स्थित शिवपुरी धाम में बाबाजी का अंतिम संस्कार किया गया। शवों का और कितना तिरस्कार?
डेड हाउस में इंसानी शवों को चूहे व कीड़े चट कर रहे हैं। मृत्यु के पश्चात मोक्ष मिलने से पहले इन शवों के साथ जो क्रूरतम व्यवहार हो रहा है, वह आपके रौंगटे खड़े कर देगा। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। यही वजह है कि देहदान के लिए लोग आगे नहीं आ रहे। मेडिकल कॉलेज में मृत्युपर्यंत देहदान करने वालों लोगों की संख्या बहुत कम रह गई है। शवों का हाल देखकर लोग देहदान के लिए आगे नहीं आ रहे। सामाजिक कार्यकर्ता रा¨जदर शर्मा राजू का कहना है कि डेड हाउस में सफाई नहीं की जाती। मेडिकल कॉलेज प्रशासन जानता है कि यहां चूहे हैं तो चूहेमार दवा का उपयोग क्यों नहीं किया जाता। यह बहुत गंभीर विषय है, जिस पर कॉलेज प्रशासन को फौरी कदम उठाने होंगे, अन्यथा वह समाजसेवी संस्थाओं के साथ कॉलेज प्रशासन के खिलाफ धरना लगाएंगे। दूसरी तरफ फोरेंसिक विभाग के प्रभारी डॉ. अशोक चानना का कहना है कि वह छुट्टी पर हैं। उन्हें मामले की जानकारी नहीं।
एएसआइ ने बाबा को पिलाई थी शराब, फिर ले गया था अपने साथ
गोलबाग के नजदीक मैकेनिक की दुकान चलाने वाले रंजीत कुमार ने बताया कि बाबा के साथ उनका गहरा रिश्ता था। वह पिछले पंद्रह सालों से मेरी दुकान में रह रहे थे। वह अक्सर दुकान के बाहर ही सोते थे। मैंने उन्हें कई बार कहा कि दुकान में सो जाया करो, पर उन्होंने कहा कि मुझे बाहर सोना अच्छा लगता है। 11 जनवरी की मध्यरात्रि तकरीबन 2 बजे मोहकमपुरा थाने का एएसआइ अतर ¨सह मेरी दुकान के बाहर पहुंचा। वह शराब की कैनी साथ लेकर आया था। उसने बाबा जी को जबरन शराब पिलाई। जब मैं सुबह छह बजे दुकान पर पहुंचा तो बाबा जी बाहर लेटे हुए थे। शराब की बदबू आ रही थी। मैंने बाबा से पूछा आपने शराब पी है तो उन्होंने कहा- हां थोड़ी सी। इसके बाद बाबा उठे और नहाने चले गए। उस वक्त एएसआइ अतर ¨सह वहां नहीं था। वह तकरीबन साढ़े सात बजे आया और बाबा को कार पर बिठाकर ले गया। इसके बाद 14 जनवरी को सुबह दुकान पर दैनिक जागरण समाचार पत्र पहुंचा तो मुझे जानकारी मिली कि बाबा जी की हत्या हो गई है। रंजीत ने बताया कि एएसआइ कुछ दिन पूर्व उनके पास आया था और गाड़ी की रिपेयर करवाई थी।