दांव पर सदन की सर्वोच्चता, सत्ताधारियों की नहीं हुई सुनवाई
अमृतसर नगर निगम में सर्वो'च माने जाने वाले पार्षदों के सदन को गठित हुए 23 जनवरी 2019 को एक साल होने को है।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर
नगर निगम में सर्वोच्च माने जाने वाले पार्षदों के सदन को गठित हुए 23 जनवरी 2019 को एक साल होने को है। एक साल में निगम की सर्वोच्चता मेयर करमजीत ¨सह ¨रटू और कमिश्नर सोनाली गिरि की हाजिरी में ही दांव पर लगी रही। विपक्षी तो दूर सत्ताधारियों द्वारा उठाए गए मामलों को ही अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। सदन की गरिमा अपने की ही शिकायतों से तार-तार होती रही। बजट सहित पूरे साल में मेयर सदन की मात्र पांच बैठकें ही कर पाए, जबकि हर माह बैठक का प्रावधान है। एक साल का लबोलुआब यह है कि सदन 'अपनों' को ही संतुष्ट नहीं कर पाया।
31 दिसंबर 2018 को हुई आखिरी बैठक में डिप्टी मेयर यूनस कुमार ने तो यहां तक कह दिया कि 'एक साल की हमारी उपलब्धि यह है कि अब कुत्तों की नसबंदी होगी, जबकि पार्षदों द्वारा उठाए गए किसी भी मामले पर अभी तक निगम अधिकारियों ने न जवाब दिया न कार्रवाई की।' सत्ताधारी पार्षदों ने अवैध निर्माणों की शहर में आई आंधी का रोना हर बैठक में रोया। म्यूनिसिपल टाउन प्ला¨नग विभाग की कार्यप्रणाली और उसकी वजह से निगम को लग रही चपत तक के मामले उठाए गए, पर उन पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टा साल पहले दिन निर्माणों पर सत्ताधारी पार्षदों ने सवालिया निशान लगाया था, वहां बहुमंजिला निर्माण हो गए। कुछ एक तो दिखावे के लिए सील किया गया, पर वहां भी अभी तक निर्माण हो रहे है। विडंबना तो यह रही कि 31 दिसंबर 2018 को हुई निगम सदन की बैठक में मेयर ¨रटू ने खुद माना कि एक साल से वह कमिश्नर से अवैध निर्माणों और इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी रिपोर्ट मांगते रहे है, पर आज भी उन्हें बिना हस्ताक्षरों के अधूरी रिपोर्ट दी गई है। अवैध निर्माणों पर फजीहत का आलम यह रहा कि पार्षदों ने यहा तक कह दिया था कि 'कमिश्नर-एमटीपी वालेया दा लाइव डिटेक्टर टेस्ट कराओगे ता खुल जाओ भ्रष्टाचार दी पोल।' लेकिन इसके बावजूद किसी पर कोई कार्रवाई न करते हुए सदन की सर्वोच्चता पर ही सवाल खड़े कर दिए गए। आलम यह है कि आर्मी गन हाउस, घी मंडी रोड, केसरी बाग, शेरांवाला गेट गलियारा पार्किंग वाली रोड, टाउन हाल, हाल बाजार, दरबार साहिब गलियारा के इर्दगिर्द एक दर्जन से ज्यादा निर्माण अभी भी बेखौफ जारी है। सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी द्वारा निगम की गायब हुई 112 लीजों का मामला उठाया गया था, उस बाबत भी वह हर बैठक में जवाब मांग चुके है, पर उन्हें भी न्याय नहीं मिल सका है। पहली बैठक का ही मामला हल नहीं
निगम सदन की 9 फरवरी 2018 को हुई पहल बैठक में ही दूसरी एजेसियों द्वारा निगम को विश्वास में लिए काम करने का मामला तो उठा, पर अंतिम बैठक तक इसका कोई समाधान नहीं निकला। पहली बैठक में पार्षदों ने कहा था कि पीडब्ल्यूडी के जरिये 600 करोड़ रुपया फेल बीआरटीएस प्रोजेक्ट पर लगा दिया। पंजाब सीवरेज बोर्ड ने 700—800 करोड़ से जायका प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज तो डाला, पर उस सीवरेज के न चलने से लोग त्राहि—त्राहि कर रहे है। नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा लगाए गए 22 ट्यूबवेल 2015 से चले ही नहीं है। इन सभी विकास एजेंसियों द्वारा विकास के कामों के नाम पर की गई घपलेबाजी का खामिया वर्तमान सरकार और पार्षदों को भुगतना पड़ रहा है। 31 दिसंबर को हुई बैठक में भी दोबारा यह मामला उठा। नगर निगम का 8वां सदन
कांग्रेस : 64
भाजपा : 6
शिअद : 7
आजाद : 8 महिला पार्षद : 42
अनुसूचित जाति पुरुष : 9
अनुसूचित जाति महिला : 9
बैकवर्ड क्लास : 2
जनरल कैटेगरी : 23 कब—कब हुई सदन की बैठक
—9 फरवरी 2018
—28 मार्च 2018 निगम सदन व बजट की बैठक।
—8 जून 2018
—28 जून 2018
—31 दिसंबर 2018 कोट्स...
आर्थिकता व विकास पटरी पर आया : ¨रटू
पिछले एक साल में निगम की आर्थिकता और शहर का विकास पटरी पर लाया गया है। मुलाजिमों के वेतन को समय पर करने, उनके बकाये खत्म करने के अलावा ठेकेदारों का पूरा भुगतान किया गया। 85 वार्डों में 20 करोड़ की लागत से विकास के काम चल रहे है। 20 नए ट्यूबवेल पास किए गए है, जिनमें से 7 लग चुके है। सोल्ड वेस्ट के 60 लाख रुपये महीने की बचत के अलावा 35 लाख रुपये प्रतिमाह होने वाली देर चोरी खत्म की गई। 200 करोड़ की निगम की संपत्तियों के कब्जे लिए जा चुके है। एनओसी से निगम के खाते में 5 से 7 करोड़ प्रतिमाह आने शुरू हो गए है और पचास फीसद तक प्रापर्टी टैक्स का रैवेन्यू बढ़ाया गया है। 20 करोड़ से श्री दुग्र्याणा तीर्थ हैरीटेज वॉक का टेंडर जहां एक फरवरी को खुलेगा, वहीं 150 करोड़ के विकास के टैंडर भी जल्द खुलेंगे। 51 करोड़ से शहर में अमृत प्रोजेक्ट के तहत 250 किलोमीटर वाटर सप्लाई डाली जाएगी।
—करमजीत ¨सह ¨रटू, मेयर
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हकीकत से परे विकास के दावे : सिक्का
मेयर विकास का दम भर रहे है, पर अभी तक हुई सदन की बैठकों में कांग्रेस के ही पार्षद विकास के दावों की पोल खोलते रहे है। शहर की स्ट्रीट लाइट बंद है और छोटे-छोटे विकास के कामों के लिए पार्षदों को अधिकारियों के मिन्नतें करनी पड़ रही है। चार माह में मॉल रोड की धंसी सड़क जो निगम ठीक नहीं कर सका, वह ओर क्या करेगा। सियासी शह पर अधिकारियों से से¨टग कर हो रहे अवैध निर्माणों के आगे निगम का पूरा सिस्टम पंगू साबित हुआ है ओर निगम के बड़े रेवेन्यू को चपत लगी है। निगम की गायब हुई 112 संपत्तियों की लीज पर भी अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। सदन में हर बार पार्षदों द्वारा उठाए गए मामलों पर अधिकारियों का शिथिल रवैया साफ करता है कि वर्तमान सदन की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है।
—संध्या सिक्का, विपक्षी दल नेता