'ट्रिब्यूट टू जगजीत सिंह' में आवाज देगी गुरुनगरी की राजविंदर कौर
अमृतसर साढे़ तीन साल की आयु में गायन का सफर शुरू करने वाली गुरुनगरी की बेटी राजविंदर कौर गायकी के क्षेत्र में गुरुनगरी का गौरव बढ़ाएगी।
हरदीप रंधावा, अमृतसर
साढे़ तीन साल की आयु में गायन का सफर शुरू करने वाली गुरुनगरी की बेटी राजविंदर कौर गायकी के क्षेत्र में गुरुनगरी का गौरव बढ़ाएगी। स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ गायकी का सफर जारी रखने वाली राजविंदर ने अपनी अलग पहचान कायम कर ली है। दमदार आवाज की मालिक राजविंदर कौर ने 13 अक्टूबर सा रे गा मा पा.. रियलिटी शो में गुलाम अली की गजल 'फासले ऐसे भी होंगे..' गाकर 100 प्रतिशत स्कोर हासिल किया। उसकी इस कामयाबी पर निर्णायक मंडल में शामिल म्यूजिक डायरेक्टर शेखर ने न केवल तारीफ की बल्कि राजविंदर कौर की परफामर्ेंस से इतने प्रभावित हुए उसे 'ट्रिब्यूट टू जगजीत सिंह' एलबम का हिस्सा बनने का न्यौता दे दिया। उधर, सिंगापुर, मलेशिया, न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया में टूर कर चुकी राजविंदर कौर द्वारा अपनी मेहनत के बूते पर हासिल की गई इस उपलब्धि पर परिवार गौरव महसूस कर रहा है।
- क्लासिकल, गजल, सूफी गायकी में माहिर है राजविंदर
राजविंदर कौर के पिता किरपाल सिंह कहते हैं कि वह खुद एक कीर्तनी हैं और उनकी बेटी ने बचपन से ही गाना शुरू कर दिया था। संगीत की दीवानी उनकी बेटी राजविंदर ने साल-2015 में शहजादानंद कॉलेज से संगीत की डिग्री हासिल की और साथ ही रोहिताशिव बाली से संगीत की बारीकिया सीखीं। जो उसे मंजिल तक पहुंचाने में मददगार साबित हुईं।
उन्होंने कहा कि बचपन में उनकी बेटी अपने गायन की शुरुआत धार्मिक शब्द से की थी। इससे उसे जो प्रोत्साहन मिला उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। किरपाल सिंह का कहना है कि उनकी बेटी गजल, सूफी, क्लासिकल व रीलीजियस गायकी में माहिर है। वह संगीत के महाकुंभ में पहुंच गई है और हमेशा साफ-सुथरा ही गायेगी। उनके परिवार में उनकी पत्नी मंजीत कौर हैं। बड़ी बेटी तबला वादक है और छोटा बेटा पढ़ाई कर रहा है।
'बेटिया भी करती हैं नाम रोशन'
राजविंदर के पिता किरपाल सिंह ने कहा कि वह अगस्त महीने में रियलिटी शो में शामिल होने मुंबई गई थी। 13 अक्टूबर को शो में उसने गुलाम अली की गजल पेश करके श्रोताओं सहित निर्णायक मंडल से भरपूर प्रशसा हासिल की। वह उस शो में मौजूद थे। जब उनसे पूछा गया कि वह अपनी बेटी के बारे में क्या कहेंगे तो उन्होंने कहा कि भले ही समाज में बेटों को तरजीह दी जाती है, मगर बेटिया भी समाज में बेटों की तरह ही नाम रोशन कर सकती हैं, बशर्ते उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए।
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