अब जीएसटीआर-9 बनेगी कारोबारियों के लिए परेशानी
कारोबारियों की तरफ से ऑनलाइन भरी जाने वाली जीएसटी-3 बी और जीएसटीआर-1 सिरदर्द से कम नहीं है, मगर वार्षिक रिटर्न तो इनका भी बाप है, जो माहिरों को भी हाथ खड़े करने को मजबूर कर देती है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
कारोबारियों की तरफ से ऑनलाइन भरी जाने वाली जीएसटी-3 बी और जीएसटीआर-1 सिरदर्द से कम नहीं है, मगर वार्षिक रिटर्न तो इनका
भी बाप है, जो माहिरों को भी हाथ खड़े करने को मजबूर कर देती है। मासिक या त्रैमासिक रिटर्न में रह गई कमियों को इस रिटर्न में पूरा किया जा
सकता है। पुरानी रिटर्न की खामियां इसमें छूट जाने पर व्यापारियों के ही
नहीं काउंसलरों के भी पसीने छूट जाते हैं। 1 अप्रैल 2017 से 31मार्च
2018 में खत्म हुए वित्त वर्ष की वार्षिक रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31
दिसंबर 2018 है और कारोबारियों ने अपने काउंसलरों के साथ मिल कर अभी से इसके लिए कमर कस ली है।
वहीं दूसरी तरफ जीएसटी प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रधान नवीन सहगल ने इसके लिए कारोबारियों को जागरूक करने की योजना बनाई है, ताकि आने वाले समय में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी पेश नहीं आए। उन्होंने कहा कि जीएसटी-3बी मासिक समरी रिटर्न भी कहा जाता है जबकि जीएसटीआर-1 दो तरह की होती है।
डेढ़ करोड़ रुपये तक की सेल वाले कारोबारियों को इसमें मासिक रिटर्न भरनी होती है जबकि डेढ़ करोड़ से 5 करोड़ रुपये की सेल दिखाने वाले
कारोबारियों को त्रैमासिक रिटर्न भरनी होती है। लेकिन जीएसटीआर-9 तो
प्रत्येक कारोबारी को भरनी होती है।
उन्होंने कहा कि इसमें काफी बारीकियां होती हैं तो वे एसोसिएशन स्तर पर जहां काउंसलर्स को जागरूक करेंगे, वहीं सेमिनार लगा कर कारोबारियों को भी इस रिटर्न को भरे जाने संबंधी बारीकियां बताएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए वे कैंप भी लगाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा कारोबारियों को जागरूक कर सकें। क्योंकि यह रिटर्न पूरे देश भर में भरी जानी है तो इसकी वेबसाइट पर बर्डन बढ़ जाएगा। इसलिए कारोबारियों को बताया जाएगा कि वे जितनी जल्दी हो सकें इसमें अपना काम शुरु कर सकें ताकि बाद में उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।