वीसी की इको फ्रैंडली पार्किंग पॉलिसी के खिलाफ अनशन पर बैठे विद्यार्थी
अमृतसर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) के प्रबंधकों की ओर से कैंपस में एक निजी साइकल कंपनी को दिए गए साइकिल स्टैंड के ठेके व विद्यार्थियों को वाहन अपने विभागों में न लेकर जाने के लागू किए गए फैसले के खिलाफ विद्यार्थियों का आंदोलन थमने का नाम नही ले रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) के प्रबंधकों की ओर से कैंपस में एक निजी साइकल कंपनी को दिए गए साइकिल स्टैंड के ठेके व विद्यार्थियों को वाहन अपने विभागों में न लेकर जाने के लागू किए गए फैसले के खिलाफ विद्यार्थियों का आंदोलन थमने का नाम नही ले रहा है। सोमवार सुबह से ही विद्यार्थियों ने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार करके वीसी के कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। विद्यार्थी शुभम ब्रिजवासी अनशन पर बैठ गया। इससे पहले विद्यार्थियों ने कैंपस में रोष मार्च निकाला। 'वीसी मुर्दाबाद', 'वीसी भ्रष्टाचारी' आदि नारे लगाए। देर शाम विद्यार्थियों ने वीसी की कोठी घोरी और नारे लगाए। विद्यार्थियों ने मांग की कि पंजाब सरकार वीसी को पद से हटाए।
विद्यार्थी प्रतिनिधियों हरप्रीत ¨सह, प्रभु भुल्लर, वरुण दीप, सुमीत ढिल्लों, अक्षय कुमार और अनिल कुमार ने कहा-वीसी डॉ. जसपाल ¨सह ने कैंपस को ईको फ्रैंडली बनाने के लिए कैंपस के अंदर वाहन लेजाने पर पाबंदी लगा दी है। लेकिन ये पाबंदी सिर्फ विद्यार्थियों के वाहनों पर ही लगाई गई है। जीएनडीयू का टी¨चग स्टाफ, नान टी¨चग स्टाफ, मैस व होस्टल के कर्मचारी, वाहन ले जा सकते हैं। विद्यार्थियों को पार्किग पर वाहन लगाकर पैदल या स्टैंड से साइकिल या ई-रिक्शा किराये पर लेकर विभागों तक जाना होगा। विद्यार्थियों ने पूछा कि क्या प्रोफेसरों व कर्मचारियों के वाहनों से प्रदूषण नहीं फैलता।
बैठक बेनतीजा-विद्यार्थियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस दौरान रजिस्ट्रार डॉ. केएस काहलों और डीन छात्र कल्याण एसएस बहल ने विद्यार्थी प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया। विद्यार्थियों ने मांग की कि उनके वाहन भी प्रोफेसरों और कर्मचारियों की तरह बिना किसी रोक विभागों तक ले जाने की इजाजात दी जाए। देर शाम तक चली बातचीत के दौरान प्रशासन इस बात पर सहमत हुआ कि विद्यार्थियों के दोपहिया वाहन विभागों तक जाने दिए जाएंगे, लेकिन चारपहिया वाहनों को गेट के पास स्थित पार्किंग पर ही रोका जाएगा। हालांकि अभी तक इस संबंधी विश्वविद्यालय अधिकारियों ने कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। विद्यार्थियों ने स्पष्ट कहा कि अगर उनके चार पहिया वाहन गेटों पर रोकने हैं तो प्रोफेसरों और अन्य कर्मचारियों के वाहन भी गेटों पर रोके जाएं। चेतावनी दी है अगर उनके साथ भेदभाव जारी रखा तो आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
वीसी पर लगाया 1000 रुपये का जजिया कर लगाने का आरोप
देर शाम तक विद्यार्थी अपनी मांग पर अड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि कैंपस में वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए सभी के लिए एक ही नियम लागू किया जाए। अलग-अलग नियम बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। विद्यार्थियों का आरोप है कि वीसी ने अपने चहेतों की एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचने के लिए साइकिल स्टैंड के नाम पर विद्यार्थियों पर प्रतिमाह 1000 रुपये का जजिया कर लगा दिया है जो किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा।
जल्द हल किया जाएगा मसला : : प्रो बहल
जीएनडीयू के डीन विद्यार्थी कल्याण डॉ. एसएस बहल ने कहा कि देर शाम विद्यार्थी प्रतिनिधियों के साथ लम्बी बातचीत हुई है। प्रबंधक विचार कर रहे हैं। दो पहिया वाहनों को विभागों तक लेकर जानी की इजाजत दी जाए। इस के संबंध में मंगलवार तक कोई फैसला हो सकता है। प्रबंधक मसले को सुलझाने में लगे हुए हैं।