जैकसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के अकाउंटेंट और मुलाजिम रिकॉर्ड लेकर पहुंचे एसटीएफ के दरबार
अमृतसर दवा बनाने वाली नामी जैकसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के गोदामों से नशीली दवाओं की खेप जब्त करने के बाद वीरवार की सुबह स्पेशल टास्क फोर्स के दरबार में कंपनी के मालिक पकड़ी गई दवाओं से संबंधित सारा रिकार्ड लेकर पहुंचे।
नवीन राजपूत, अमृतसर
दवा बनाने वाली नामी जैकसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के गोदामों से नशीली दवाओं की खेप जब्त करने के बाद वीरवार की सुबह स्पेशल टास्क फोर्स के दरबार में कंपनी के मालिक पकड़ी गई दवाओं से संबंधित सारा रिकार्ड लेकर पहुंचे। बताया जा रहा है कि नशीली दवाओं की खरीद और बेच से संबंधित बिल एसटीएफ के अधिकारियों को दिखाए गए। उक्त कार्रवाई में स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारियों के अलावा सेहत विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर और सेल टैक्स विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। पता चला है कि कंपनी के अकाउंटेंट्स ने उक्त विभागों के अधिकारियों की तरफ से पूछे गए सवालों के संतुष्टि जनक जवाब दिए और उससे संबंधित रिकार्ड भी पेश किया। लेकिन कुछ सवालों के जवाब पर कंपनी के अकाउंटेंट क्या मुलाजिम भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। फिलहाल वीरवार रात तक भी एसटीएफ की जांच किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई। मजीठा रोड और डेंटल कॉलेज के पास गोदामों में हुई छापेमारी
बुधवार को कटरा शेर ¨सह के गोदाम में छापेमारी के बाद एसटीएफ नशीली दवाओं की बड़ी खेप बरामद की थी। वीरवार को एसटीएफ की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर और सेल टैक्स के अधिकारियों के साथ उक्त दवा गोदामों में पहुंचकर जांच की। बताया जा रहा है कि अब तो दोनों ही गोदामों से नशीले दवाई नहीं बरामद हुई। एसटीएफ के एआईजी रछपाल ¨सह ने बताया कि जब तक जांच किसी परिणाम तक नहीं पहुंच पाती तब तक इस रेड को लेकर कुछ नहीं कह सकते। फिलहाल कंपनी के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक एसटीएफ को सूचना मिली थी कि जैकसन फार्मास्यूटिकल कंपनी के गोदाम और दुकान जो कटरा शेर ¨सह के बीच स्थित है वहां नशीली दवाओं का कारोबार चल रहा है। एसटीएफ ने बुधवार को सेहत विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई करते हुए दुकान और गोदाम को घेर लिया था। कंपनी का गोदाम से नशीली दवाओं की बड़ी खेप बरामद हुई थी। जिसे एसटीएफ ने कब्जे में ले लिया था। वहीं दूसरी तरफ कंपनी के मालिक के करीबी लोगों ने बताया था कि गोदाम में रखी गई दवाएं वापस भेजने वाली थी। जिनका इस्तेमाल नहीं होने पर उन्हें गोदाम में सील कर दिया गया था।