स्कूल ड्यूटी के बाद अध्यापकों पर चुनावी ड्यूटी की मार
अमृतसर जिला प्रशासन द्वारा चुनाव रिहर्सल की ड्यूटी में अध्यापकों को स्कूली ड्यूटी के बाद हाजिर होने के लिए दिए गए आदेश ने जहां अध्यापकों की परेशानी बढ़ाई, वही बच्चों का भविष्य भी दांव पर लगा दिया।
अखिलेश ¨सह यादव, अमृतसर
जिला प्रशासन द्वारा चुनाव रिहर्सल की ड्यूटी में अध्यापकों को स्कूली ड्यूटी के बाद हाजिर होने के लिए दिए गए आदेश ने जहां अध्यापकों की परेशानी बढ़ाई, वही बच्चों का भविष्य भी दांव पर लगा दिया। आदेशों के मुताबिक अध्यापकों को स्कूल की ड्यूटी के बाद चुनावी ड्यूटी के लिए जाना होगा। अध्यापकों की इस परेशानी को देखते हुए बच्चों के एसए-वन परीक्षा को स्थगित कर 24 सितंबर से शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
इससे पहले चुनावी रिहर्सल में अध्यापकों के भाग लेने के लिए सुबह दस बजे समय निर्धारित किया गया था। लेकिन जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि चुनावी रिहर्सल में अधिकांश अध्यापकों व प्रिंसिपलों, हेड मास्टरों के शामिल होने से स्कूल वीरान हो जाएंगे और विद्यार्थी अध्यापकों से महरूम हो जाएंगे। आनन-फानन में जिला प्रशासन ने पत्र निकाल कर डीईओ सेकेंडरी व एलिमेंट्री को निर्देश दिए कि वह अध्यापकों को स्कूली ड्यूटी के बाद रिहर्सल केंद्रों में बाद दोपहर दो बजे हाजिर होने के लिए निर्देश दे। चुनावी रिहर्सल प्रक्रिया बाद दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक होगी।
उधर, जिला प्रशासन का पत्र मिलने के बाद डीईओ सेकेंडरी सल¨वदर ¨सह ने भी चुनावी ड्यूटी में तैनात अध्यापकों को स्कूल ड्यूटी के बाद दो बजे चुनावी रिहर्सल केंद्रों में पहुंचने के लिए निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि अधिकांश महिला अध्यापकों को स्कूल में पढ़ाने के बाद 100-100 किलोमीटर दूर चुनावी रिहर्सल केंद्रों में जाना होगा। उसमें उन्हें दो घंटे से अधिक का समय लग जाएगा। इस तरह उन्हें चुनावी रिहर्सल प्रक्रिया में शामिल होने के बाद घर आने में रात आठ बजे लग जाएंगे। इस ड्यूटी तैनात महिलाओं को चुनावी रिहर्सल प्रक्रिया में भाग लेने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डीईओ सेकेंडरी के पत्र के बाद अध्यापकों में भी हड़कंप मच गया है और उन्होंने इस नादिरशाही फरमान की आलोचना की है। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के प्रधान अमरजीत शास्त्री व महासचिव द¨वदर पूनिया ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उक्त नेताओं ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सूची में शिक्षा हमेशा नीचे रही है। सरकार दावे इसके विपरीत करती है। चुनावी ड्यूटी को सरकार ने अपनी प्राथमिकता सूची में पहले नंबर पर रखा है। इस कारण सभी विभागों से कर्मियों की डयूटी लगाने की बजाय अधिकतर अध्यापकों की ड्यूटी चुनावी प्रक्रिया को पूर्ण करने में लगाया है। चुनावी रिहर्सल केंद्र माई भागो बहुतकनीकी कालेज, आईटीआई, जंडियाला, चुगावां, अजनाला सहित अन्य ग्रामीण जगहों पर बनाए गए हैं।
चुनाव ड्यूटी के लिए 5438 अध्यापकों की तैनाती
जिला प्रशासन ने जिला परिषद व ब्लाक समिति व पंचायती चुनाव में 5438 अध्यापकों को तैनात किया है। कुल 5480 अध्यापक हैं। इन अध्यापकों में भी अधिकांश महिलाओं की ड्यूटी लगाई गयी है। ¨प्रसिपलों को उनके रुतबे के अनुसार ड्यूटी नहीं दी गयी है। वह पो¨लग अफसर तैनात किए गए हैं। पहली बार हुआ है कि अधिकांश ¨प्रसिपलों, हेड मास्टरों को इस ड्यूटी में लगाया है। इस ड्यूटी में ¨प्रसिपलों के तैनात होने से स्कूल का प्रबंध चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चुनावी रिहर्सल की तिथियां
चुनाव की पहली रिहर्सल 8 सितंबर को हो चुकी है। इस रिहर्सल में गैर हाजिर अध्यापकों को शोकॉज नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अब चुनावी रिहर्सल 14 सितंबर व 18 सितंबर को होगी। उसके बाद 19 सितंबर को चुनाव हैं। 20 सितंबर को अध्यापकों को अवकाश होगा। एग्जाम की डेट बदली
चुनाव को देखते हुए जिला शिक्षा विभाग ने एसए-वन की तिथि बदल दी है। एसए-वन का एग्जाम पहले दस सितंबर को होना था। अब यह एग्जाम 24 सितंबर से शुरू होंगे और 15 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा। इससे पहले शिक्षण कैलेंडर के अनुसार दस सितंबर को एग्जाम शुरू होने के बाद तीस सितंबर तक मार्क्स शीट बच्चों के पेरेंट्स के हाथ में सौंपनी थी। 30 सितंबर को पेरेंट्स मीट सरकारी स्कूलों में निर्धारित थी।