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पुत्रा अखबार च अवार्ड वालिया फोटो लगवानियां सी, एह. केहड़ियां लगवा गयां

अमृतसर वे पुत्रा तू तां कहंदा सी तबला वादक बनके अखबार विच अवार्ड वालियां फोटो लगवावांगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 12:43 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 12:43 AM (IST)
पुत्रा अखबार च अवार्ड वालिया फोटो लगवानियां सी, एह. केहड़ियां लगवा गयां
पुत्रा अखबार च अवार्ड वालिया फोटो लगवानियां सी, एह. केहड़ियां लगवा गयां

अमन देवगन. अजनाला अमृतसर

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वे पुत्रा तू तां कहंदा सी तबला वादक बनके अखबार विच अवार्ड वालियां फोटो लगवावांगा। हुण एह केहड़ियां फोटोआं लगवा बैठां। यह शब्द निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमले में मारे गए 17 साल के संदीप ¨सह की मां सिमरनजीत कौर के मुख से बार-बार निकल रहे थे। आज मंगलवार को संदीप ¨सह का राजासांसी के वार्ड नंबर -5 के शमशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेसुध मां जवान बेटे की जलती चिता को देख नहीं पा रही थी। बार-बार कह रही थी कि हे निरंकार, जवान बेटे को एक बार फिर से ¨जदा कर दे। तू इनता निर्दयी कैसे हो सकता है कि मां को बेटे की अर्थी कैसे दिखवा सकता है। मैंने यही सुना है कि निरंकार दयालु है और सब को पाल रहा है। फिर मेरे बेटे को ही क्यों छीन लिया।

बेटे की मौत के गम में जहां सिमरनजीत कौर बार-बार गिर रही थी वहीं उसके रिश्तेदार उसे संभालने में लगे थे। वह कह रही थी कि उसे समझ में नहीं आ रहा कि जवान बेटे की अर्थी क्यों दिखवाई। वह कह रही थी कि संदीप निरंकार के पास चला गया और कुछ दिनों में दोबारा लौट आएगा। उसे तबला सीखने का शौक था। वह चाहता था कि बहुत बड़ा तबला वादक बने और अपनी मां के साथ तस्वीरें अखबारों में छपवाएगा। लेकिन उसे पता नहीं था कि जवान बेटे के मरने की तस्वीरें अखबारों में छपेंगी। वह कह रही थी कि हे निरंकार किसी मां के साथ ऐसा भविष्य में मत करना। कोई मां नहीं चाहती कि वह अपने जवान बेटे की जलती चिता देखे।

वहीं अमरजीत ¨सह ने बेटे की मौत का जिम्मेदार पुलिस और सरकार को बताया है। उनका कहना था कि अगर पुलिस अलर्ट रहती तो उनके बेटे की जान बच सकती थी। उन्होंने बताया कि हाई अलर्ट के चलते पुलिस को चाहिए था कि निरंकारी भवन में भी सुरक्षा के इंतजाम करती। भाजी काहदा हाई अलर्ट सानूं ते अजे वी किते पुलिस नहीं दिखी

आतंकी हमले में मारे गए संदीप ¨सह के अंतिम संस्कार के मौके पर पहुंचे उसके नजदीकी रिश्तेदार गुरप्रीत ¨सह ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि किस बात का हाई अलर्ट है। रास्ते में उन्हें ना तो कोई नाका मिला और ना ही कोई पुलिस कर्मी। वह 17 किलोमीटर दूर से दुखी परिवार के घर पहुंचे हैं। रास्ते में उन्हें न तो कोई पुलिस का नाका मिला व न ही कोई पुलिस वाला। संदीप और कुलदीप का हुआ अंतिम संस्कार

आतंकी हमले में मारे गए युवक संदीप ¨सह का राजासांसी जबकि गांव बग्गा कलां के कुलदीप ¨सह का गांव के ही शमशान घाट में सोमवार की दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मारे गए तीसरे व्यक्ति सुखदेव ¨सह का अंतिम संस्कार बुधवार को होगा। सुखदेव की बेटी रूबीता न्यूजीलैंड में रहती है। बेटी ने परिवार से कहा है कि वह अपने पिता के अंतिम दर्शन करना चाहती है। सुखदेव का अंतिम संस्कार मीरांकोट के शमशान घाट पर किया जाएगा। नेता हुए अंतिम संस्कार में शामिल

आतंकी हमले में मारे गए संदीप ¨सह व कुलदीप ¨सह के अंतिम संस्कार में सांसद गुरजीत ¨सह औजला, कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सोनी, सुख¨बदर ¨सह सुखसरकारिया, विधायक हरप्रताप ¨सह अजनाला सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए।


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