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सरकार के फैसले पर भड़के एसोसिएट्स स्कूलों के मुखी

अमृतसर वर्ष 2019 के बाद एसोसिएट्स स्कूलों की मान्यता न बढ़ाए जाने के पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड व पंजाब सरकार के फैसले से गुरु नगरी के एसोसिएट्स स्कूल भड़क उठे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 06:11 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 06:11 PM (IST)
सरकार के फैसले पर भड़के एसोसिएट्स स्कूलों के मुखी
सरकार के फैसले पर भड़के एसोसिएट्स स्कूलों के मुखी

अखिलेश ¨सह यादव, अमृतसर

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वर्ष 2019 के बाद एसोसिएट्स स्कूलों की मान्यता न बढ़ाए जाने के पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड व पंजाब सरकार के फैसले से गुरु नगरी के एसोसिएट्स स्कूल भड़क उठे हैं। स्कूल मुखियों ने सरकार के फैसले को अलोकतांत्रिक व शिक्षा के प्रसार के लिए घातक बताया है। इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए एसोसिएट्स स्कूल एकजुट हो गए हैं। स्कूल मुखियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार एसोसिएट्स स्कूलों से नाइंसाफी कर रही है। स्कूल मुखियों ने मंत्री परिषद द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी के फैसले पर भी अंगुली उठाई। स्कूल मुखियों ने कहा कि इस कमेटी की बैठक किस बंद कमरे में हुई? इसमें कैन से लोग थे? जिनके बारे में शिक्षा मंत्री को भी नहीं पता और क्या इन सदस्यों का फैसला किसी एक विशेष वर्ग के स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए तो नहीं किया गया? इन सभी सवालों के जवाब एसोसिएट्स स्कूल मांग रहे हैं अन्यथा जल्द ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा और जगह-जगह रोष प्रदर्शन होंगे।

मजीठा बाईपास स्थित रतड़ा पब्लिक स्कूल में प्रदेश स्तरीय कन्वेंशन में एसोसिएट्स स्कूल मुखी बड़ी संख्या में शामिल हुए। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड व मंत्री परिषद की सब कमेटी द्वारा एसोसिएट्स स्कूलों को 2019 के बाद मान्यता न देने के फैसले का विरोध किया।

दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए एसोसिएट्स स्कूल एसोसिएशन के चेयरमैन राणा जगदीश, मनोज सरीन, वाइस प्रधान ज¨तदर शर्मा ने कहा कि एसोसिएट्स स्कूलों के प्रति यह फैसला पंजाब सरकार के शिक्षा के प्रसार के प्रयास के बिलकुल विरुद्ध है। एक तरफ पंजाब सरकार प्राइवेट सेक्टर को शिक्षा के योगदान देने के लिए आमंत्रित कर रही है। साथ ही शिक्षा के प्रयास में सालों से लगे प्राइवेट स्कूलों को उनके क‌र्त्तव्य से वंचित कर रही है। बार बार एसोसिएट्स स्कूलों के बारे में कहा जाता है कि ये गली मोहल्ले में खुले हुए स्कूल है। लेकिन सोचने की बात है कि किसी खली जगह पर यदि कोई स्कूल खुलता है और धीरे-धीरे उसके आसपास लोग घर बनाने शुरू कर दें और मोहल्ले बन जाएं तो क्या स्कूल वाले स्कूलों को उठा कर दूसरी, फिर तीसरी व अन्य जगह पर ले जाएं? आखिर यह स्कूल सरकार का क्या नुकसान कर रहे हैं। इन स्कूलों के पास दिखावे के लिए बड़ी बड़ी इमारतें नहीं हैं। यह स्कूल शिक्षा विभाग के सभी नियमों को पूरा करते हैं।

सरकार का यह फैसला किसी भी तरह से समझदारी भरा नहीं है। इससे बच्चों, अध्यापकों व अभिभावकों का भला नहीं होने वाला है। सरकार यह अच्छी तरह जानती है कि प्राइवेट सेक्टर के सहयोग के बिना पंजाब में स्तरीय शिक्षा देना चुनौती से भरपूर है।

कूपन देने का मुद्दा भी उठा कन्वेंशन में

शिक्षा मंत्री ओपी सोनी द्वारा बच्चों को तीन-तीन हजार रुपये के कूपन देने की बात करने का मुद्दा भी कन्वेंशन में उठा। नेताओं ने कहा कि सरकार खुद बच्चों को तीन-तीन हजार रुपये के कूपन देने की बात कर रही है। यह कूपन लेकर बच्चा किसी भी प्राइवेट स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर सकता है।

यह-यह एसोसिएट्स स्कूल हुए शामिल

इस कन्वेंशन में तरनतारन, गुरदासपुर, बटाला, रइया, बाबा बकाला, तरसिक्का, अजनाला, वेरका व अमृतसर के एसोसिएट्स स्कूल के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। सभी ने एकजुट होकर कहा कि सरकार का यह फैसला मान्य नहीं है और सरकार के खिलाफ जल्द संघर्ष शुरू किया जाएगा।

बाक्स:::जिले में कुल 350 एसोसिएट्स स्कूल

प्रदेश भर में कुल 2211 एसोसिएट्स स्कूल हैं। जिनमें पांच लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वही जिले में कुल 350 एसोसिएट्स स्कूल हैं। जिनमें एक लाख के करीब विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।


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