विशेषज्ञों ने किसानों को दिए पराली प्रबंधन के टिप्स
अमृतसर कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पराली खेत में जलाए बिना ही उसे मिट्टी में जज्ब करने के टिप्स दिए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पराली खेत में जलाए बिना ही उसे मिट्टी में जज्ब करने के टिप्स दिए। वहीं विभाग के अलग-अलग विशेषज्ञों ने जहां किसानों को बासमती और गन्ने की खेती के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खेती के लिए बीज की खरीद सरकारी डीपो से करें क्योंकि शोध के बाद ही बेहतर क्वालिटी का बीज मार्कीट में लाया जाता है।
किसानों को बताया गया कि पराली को खेत में ही मिलाने के लिए सरकार की तरफ मशीनों की खरीद पर जहां व्यक्तिगत तौर पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है, वहीं किसानों के ग्रुपों को भी सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है। इस मौके पर त¨जदर ¨सह वाहला, जसदीप ¨सह के अलावा भू¨पदर ¨सह, सिमरनजीत ¨सह, जीवा नंद और किसान दिलप्रीत ¨सह, सुदीप ¨सह, कर्म ¨सह शाहबाजपुरा, राम ¨सह लल्ला अफगाना, सुखदेव ¨सह, अजीत ¨सह, हरजीत ¨सह, गुरजीत ¨सह, परमजीत ¨सह, जगबीर ¨सह धर्मकोट और जसबीर ¨सह सैंहसरा आदि मौजूद थे। पराली प्रबंधन है समय की सबसे बड़ी जरुरत : डा. जतिंदर सिंह
खेतीबाड़ी विकास अधिकारी डा. ज¨तदर ¨सह गिल ने किसानों से कहा कि अब पराली को खेत में आग लगाने की बजाए उसे मिट्टी में जज्ब करने का समय आ गया है। इसके लिए सरकार किसानों की हर तरह से मदद करने को तैयार है, लेकिन इसमें किसानों को भी सरकार का साथ देना चाहिए। क्योंकि सरकार किसी भी काम में तभी कामयाब होती है जब राज्य के लोग (किसान) इसमें उसका साथ दें।
बासमती और गेहूं की खेती संबंधी दी जानकारी
खेतीबाड़ी विकास अधिकारी डा. गुरप्रीत ¨सह औलख ने किसानों को बासमती और गेहूं की खेती किए जाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों
के बारे विस्तारपूर्वक बताया। वहीं गु¨रदरजीत ¨सह ने गन्ने और डेयरी विकास के इंस्पेक्टर अमनदीप ¨सह ने किसानों को डेयरी विकास स्कीमों संबंधी विस्तृत जानकारी दी।