डीसी के आदेश, चाइनीज डोर से पंतग उड़ाने वालों पर भी केस दर्ज करें
अमृतसर दैनिक जागरण के 'नो मोर ड्रैगन डोर' के अभियान के तहत पिछले कुछ दिनों से प्रकाशित हो रहे समाचारों के बाद डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने चाइनीज डोर के साथ पतंगबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
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एसडीएम पर आधारित गठित टीमें करेंगी कार्रवाई, लोगों को भी किया जाएगा जागरूक, खरीदने वालों के जरिए बेचने वालों तक पहुंचेगा प्रशासन
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र¨वदर शर्मा, अमृतसर
दैनिक जागरण के 'नो मोर ड्रैगन डोर' के अभियान के तहत पिछले कुछ दिनों से प्रकाशित हो रहे समाचारों के बाद डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने चाइनीज डोर के साथ पतंगबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इससे पूर्व डिप्टी कमिश्नर की ओर से सीआरपीसी 1973 की धारा 188 के तहत ड्रैगन डोर को स्टोर करने और बेचने वालों के खिलाफ ही कार्रवाई के आदेश जारी किए जाते थे। यह आदेश इसलिए जारी किए गए हैं कि जब बाजार में ड्रैगन डोर की मांग ही नहीं होगी तो दुकानदार इसे कहां बेचेंगे।
डीसी संघा ने मार्कीट में इस खतरनाक डोर की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए जहां थाना प्रभारियों को कार्रवाई करने की हिदायतें दी, वहीं सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कमेटियां गठित कर उन्हें चाइनीज डोर की सूचना मिलते ही छापेमारी करने को कहा है। एसडीएम्ज ने आगे तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर आधारित कमेटियां बना कर इसमें सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पतंगबाज के जरिए धंधेबाजों
तक पहुंचेगा प्रशासन
आदेशों में कहा गया है कि अब प्रशासन और पुलिस की टीमें ड्रैगन डोर के साथ पतंगबाजी करने वालों तक पहुंचेगी। इन पतंगबाजों के जरिए दुकानदार और दुकानदार के जरिए बड़े स्टॉकिस्ट तक पहुंच की जाएगी। पतंगबाज अगर चाइनीज डोर बेचने वाले दुकानदार का पता बताएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। वर्ना उसके खिलाफ भी धारा 188 में केस दर्ज किया जाएगा। ड्रैगन डोर बेचने वालों को पकड़वाने में अब सबसे बड़ी कड़ी साबित होगी। क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें यह डोर बेचने वाला कौन दुकानदार है।
जुर्माना और कैद दोनों का प्रावधान
डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा के आदेशों में कहा गया है कि सीआरपीसी 1973 की धारा 188 के तहत जहां आरोपित को जुर्माना होता
है, वहीं इसके तहत उसे कैद भी हो सकती है। इसमें जुर्माना 500 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये तक भी हो सकता है। अगर इसमें बड़े स्टॉक के साथ दुकानदार पकड़ा जाता है वह लंबी अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है।
कई लोग दूसरे धंधों की आड़ में बेचते हैं ड्रैगन डोन
क्योंकि ड्रैगन डोर की बिक्री करना और इसे स्टोर करना गैर कानूनी है, तो इस डोर का धंधा करने वाले अन्य दूसरे धंधों की आड़ में इस डोर को बेचते हैं। इस लिए मोबाइल शॉप, पीसीओ आदि चलाने वालों पर नजरें रखी जा रही हैं। क्योंकि पिछले दिनों अजनाला में इसी तरह का एक मामला सामने आया, जिसमें मोबाइल की दुकान करने वाला ड्रेगन डोर बेच रहा था। इसमें पुलिस ने उक्त दुकानदार के खिलाफ एक्शन भी लिया और उसके कब्जे से ड्रेगन डोर का स्टॉक भी अपने कब्जे में लिया।
पतंगबाजों के परिजन समझें जिम्मेदारी : औजला
सांसद गुरजीत ¨सह औजला ड्रैगन डोर के बारे कहते हैं कि यह बहुत ज्यादा खतरनाक है। इस लिए पतंगबाज बच्चों के परिजनों को इसमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए कि उनके बच्चे ड्रैगन डोर से पतंग नहीं उड़ाएं। क्योंकि यह आसमान में उड़ने वाले प¨रदों और सड़क पर चलने वाले दोपहिया वाहन चालकों के लिए ही नहीं बल्कि खुद पतंगबाज के लिए भी घातक साबित हो सकती है। औजला ने कहा कि इसमें पुलिस या जिला प्रशासन तब तक कामयाब नहीं हो सकता, जब तक परिजन इन खतरों के बारे जागरूक नहीं हो जाते।
कोट
नए आदेशों में ड्रैगन डोर से पतंगबाजी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। जिले में सभी एसडीएम्ज, देहात में एसएसपी के जरिए एसएचओ तक और शहरी इलाकों में पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव के जरिए प्रत्येक थाने तक यह आदेश पहुंचाए गए हैं। ड्रैगन डोर के साथ पतंगबाजी करते पकड़े गए बच्चों के जरिए आसानी से इसके रूट (दुकानदार और स्टॉकिस्ट) तक पहुंचा जा सकता है। इस लिए अब जारी किए गए आदेशों में ड्रैगन डोर से पतंग उड़ाने वालों को भी टारगेट किया गया है।
-कमलदीप ¨सह संघा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर।