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पेट में दर्द है-कहकर अस्पताल में भर्ती हुआ हवालाती, चकमा देकर फरार

अमृतसर इलाज के बहाने सेंट्रल जेल से गुरुनानक देव अस्पताल में एडमिट हुआ एक हवालाती सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर बुधवार को फरार हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 12:16 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 12:16 AM (IST)
पेट में दर्द है-कहकर अस्पताल में भर्ती हुआ हवालाती, चकमा देकर फरार
पेट में दर्द है-कहकर अस्पताल में भर्ती हुआ हवालाती, चकमा देकर फरार

— 14 जनवरी को चोरी का आरोपित विजय ¨सह हुआ था गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल

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-जेल के तीन कर्मियों पर भी लापरवाही के आरोप में केस दर्ज

जागरण संवाददाता, अमृतसर

इलाज के बहाने सेंट्रल जेल से गुरुनानक देव अस्पताल में एडमिट हुआ एक हवालाती सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर बुधवार को फरार हो गया। आरोपित 14 जनवरी को बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में दाखिल हुआ था। घटना के बारे में पता चलते ही पुलिस ने अलर्ट कर दिया, लेकिन आरोपित का कहीं कोई सुराग नहीं लगा। एडीसीपी लखबीर ¨सह ने बताया कि मामले की जांच करवाई जा रही है।

दरअसल, विजय ¨सह नामक शख्स को मोहकमपुरा थाने की पुलिस ने चोरी के आरोप में 8 सितंबर 2018 को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपित के कब्जे से भारी मात्रा में चोरी का सामान बरामद किया था। तब से आरोपित फताहपुर जेल में बंद है। 13 जनवरी की रात विजय ¨सह ने जेल में पेट दर्द होने की शिकायत की। जेल में कार्यरत डॉक्टर ने उसका ट्रीटमेंट किया, पर विजय ¨सह ने हालत में सुधार न होने की बात कही। ऐसे में 14 जनवरी को विजय ¨सह को गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल करवा दिया गया। विजय ¨सह पर नजर रखने के लिए वार्डन गुरचरण ¨सह, वार्डन जरनैल ¨सह और वार्डन विक्रम प्रताप ¨सह को तैनात किया गया था। लेकिन आरोपित बुधवार की रात शौच करने का बहाना बनाकर जेल कर्मियों को गच्चा देकर फरार हो गया। घटना के बाद पुलिस को सूचना दी गई और इलाके में अलर्ट भी करवाया गया। लेकिन आरोपित विजय ¨सह का कहीं पता नहीं चला।

असिस्टेंट जेल सुप¨रटेंडेंट राजीव कुमार के बयान पर पुलिस ने चमरंग रोड स्थित एकता नगर निवासी विजय ¨सह, वार्डन गुरचरण ¨सह, वार्डन जरनैल ¨सह और वार्डन विक्रम प्रताप ¨सह के खिलाफ लापरवाही के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। बीमारी का बहाना बना अस्पताल में दाखिल हो रहे हैं कैदी

जेल में बंद कई कैदी व हवालाती बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में एडमिट हो जाते हैं। जेल में कार्यरत डॉक्टर जब कैदी की जांच करते हैं तो बीमारी पकड़ में नहीं आती, क्योंकि कैदी को कोई बीमारी होती ही नहीं। एहतियात के तौर पर डॉक्टर उसे गुरुनानक देव अस्पताल में रेफर कर देते हैं। इस अस्पताल में कैदी व हवालाती ऐश की ¨जदगी जीते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब अस्पताल में दाखिल कैदियों धूप सेंकते हुए देखा गया। मोबाइल पर बात करते हुए देखा गया। यह सब सुरक्षा कर्मियों व अस्पताल के कुछ डॉक्टरों की मेहरबानी से हो रहा है। अस्पताल से कैदियों की फरारी का यह पहला मामला नहीं है। वर्ष 2018 में छह कैदी अस्पताल से फरार हो गए थे।


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