जाली दस्तावेजों पर 49.80 लाख का कर्ज लेने के 13 दोषियों को 5 साल कैद
अमृतसर बोगस फर्म बना कर जाली दस्तावेजों पर पंजाब वित्त निगम से लाखों का कर्ज लेने के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 13 लोगों को दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
बोगस फर्म बना कर जाली दस्तावेजों पर पंजाब वित्त निगम से लाखों का कर्ज लेने के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 13 लोगों को दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद की सजा सुनाई है। दोषियों को 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है।
एफआइआर में दर्ज तथ्यों के मुताबिक आदमपुर के गांव कंदोला निवासी गुल¨वदर ¨सह ने जाली दस्तावेज तैयार कर पंजाब वित निगम से 49 लाख 80 हजार का कर्ज लिया था। इसमें गुल¨वदर के अलावा कुल 19 आरोपित थे। जिसमें 2 को जांच के बाद डिस्चार्ज कर दिया। 4 को पीओ करार किया गया और 13 आरोपितों को अदालत ने कैद व जुर्माना की सजा सुनाई।
विजिलेंस के तत्कालीन उप कप्तान म¨हदर ¨सह ने अदालत को बताया कि पंजाब वित्त निगम के अधिकारी ज¨तदर ¨सह औलख व डीजीएम सुनील कुमार, इटीओ मोहम्मद नसीरदीन गोरखी, हरप्रीत कौर ग्रोवर,डीए लीगल हरदर्शन ¨सह, सीनियर स्कूल स्टेनोग्राफर संजीव कुमार जूनियर सहायक ने 1992 में बोगस फर्मे बनाकर 49 लाख 80 हजार के लोन को पास किया। बाद में जब जांच हुई तो पता चला कि यह लोन कारोबारी गुल¨वदर ¨सह व तर¨जदर ¨सह के नाम पर पास हुए हैं। उसकी ऐसी कोई भी फर्मे नही हैं। वही अन्य कारोबारियों के नाम पर भी बैंक से ड्राफ्ट बने। जब जांच हुई तो उन्हे इस कर्ज का पता नही था। वह गुल¨वदर ¨सह व तर¨जदर ¨सह ने उन रुपयों को बैंक से निकाला हैं। केस दर्ज होने के बाद गुल¨जदर ¨सह कोर्ट में पेश नही हुआ और उसे पीओ करार कर दिया। उसे 16 नवंबर 2014 में उसे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। वहां से 1 दिन का ट्रांजिट रिमांड लेकर 18 नवंबर 2014 को सीजेएम युक्ति गोयल की अदालत में पेश करवाया गया।