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सिद्धू के नाम पर 48 हजार के दो फोन ठगे

अमृतसर : निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू का खास बनकर एक व्यक्ति ने हाल बाजार स्थित एक मोबाइल कंपनी के शोरूम से 47 हजार, 980 रुपये के दो मोबाइल फोन ठग लिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 08:20 PM (IST)
सिद्धू के नाम पर 48 हजार के दो फोन ठगे
सिद्धू के नाम पर 48 हजार के दो फोन ठगे

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू का खास बनकर एक व्यक्ति ने हाल बाजार स्थित एक मोबाइल कंपनी के शोरूम से 47 हजार, 980 रुपये के दो मोबाइल फोन ठग लिए। मंत्री के खास ने शोरूम के मैनेजर रमन को बताया कि मंत्री जी ने उसे नई तकनीक वाले दो मोबाइल उनकी दुकान से खरीदने के लिए भेजा है। घटना के तीन दिन बाद जब कंपनी को मोबाइल का भुगतान नहीं हुआ तो पुलिस को शिकायत की गई। उधर, डीसीपी इनवेस्टीगेशन जगमोहन ¨सह ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। आरोपित पाए जाने पर बख्शा नहीं जाएगा।

मोबाइल कंपनी के चंडीगढ़ कार्यालय में तैनात इजार अहमद ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि अमृतसर के हाल बाजार में उनकी मोबाइल कंपनी का शोरूम है। वहां रमन कुमार बतौर मैनेजर काम करते हैं। 5 सितंबर को एचएस वालिया नाम का व्यक्ति हाल बाजार स्थित शोरूम पर पहुंचा और खुद को निकायमंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू का करीबी बता कर कहा कि उन्होंने नई तकनीक के दो मोबाइल मंगवाए हैं। रमन कुमार ने दो फोन सिलेक्ट करवाए और एचएस वालिया ने फोन अपनी कार में रखे और रमन से कहा कि वह बाइक से उसके पीछे मंत्री की कोठी तक पहुंचे। रमन ने दो मोबाइल के 47 हजार 980 रुपये लेने के लिए अपनी बाइक एचएस वालिया के पीछे दौड़ाई। मंत्री के आवास पर पहुंच कर उसे (रमन) को दो घंटे बाहर बिठाए रखा। जब रमन ने फोन कर पैसों की मांग की तो उसे चंडीगढ़ से किसी मंत्री से पैसे दिलवाने की बात कही गई।

इजार अहमद ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मंत्री का खास बताने वाले से फोन पर बात की तो उसने गाली गलौज किया। यही नहीं उलटा उनपर एफआइआर दर्ज कराने की धमकी भी दी।

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पहले कहा, हां बोल रहा हूं, दस मिनट बाद कहा- मैं वालिया नहीं हूं

मोबाइल कंपनी के मैनेजर की ओर से आरोपित एचएस वालिया के दिए गए मोबाइल नं. 9779715583 पर जब संपर्क किया गया तो दूसरी तरफ से वालिया ने कहा कि उन्हें घटना की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कोई मोबाइल नहीं खरीदा है और ना ही किसी को मंत्री की कोठी के बाहर बुलाया था। इसके करीब दस मिनट बाद फिर उसी व्यक्ति ने उसी नंबर से फोन कर दैनिक जागरण को बताया कि वह एचएस वालिया ही नही है।


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