जहां-जहां पड़े गुरु नानक देव जी के कदम, वहां-वहीं पहुंचे चावला
चावला कार में उन राज्यों एवं देशों में गए जहां गुरुनानक देव जी के चरण पड़े थे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : टरबन ट्रैवलर अमरजीत सिंह चावला ने गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर चार जुलाई 2019 को अनूठी यात्रा शुरू की थी। चावला कार में उन राज्यों एवं देशों में गए जहां गुरुनानक देव जी के चरण पड़े थे। भारत के 22 राज्यों सहित बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, नेपाल के बाद पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब में नतमस्तक होने के बाद अमरजीत सिंह चावला अटारी सीमा के जरिए अमृतसर आए। अमृतसर में उन्होंने विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल हरिमंदिर साहिब में माथा टेका। 61 वर्षीय अमरजीत सिंह चावला दिल्ली में एक सफल कारोबारी हैं। उनके साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर, डीओपी लुकमान मलिक, सहायक संतोष कुमार भी यात्रा में साथ हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए चावला ने कहा कि भारत के 22 राज्यों को कवर कर चुके हैं। अभी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, केरल, तामिलनाडु एवं मध्यप्रदेश की यात्रा बाकी है। इसके अलावा श्रीलंका की यात्रा भी शेष है। 31 अक्टूबर को वे पाकिस्तान पहुंचे। वहां श्री करतारपुर साहिब के नतमस्तक हुए और फिर अमृतसर आए हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों की यात्रा के लिए उन्हें स्पेशल परमीशन मिली है। पाकिस्तान जाने के लिए कारनेट दस्तावेज प्राप्त किया। यह एक अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेज है, जिसके जरिए दूसरे देश की गाड़ी आ जा सकती है। यात्रा के दौरान हमें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। भारत सहित पड़ोसी मुल्कों के लोगों का उन्हें खूब प्यार एवं सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि मार्च 2020 में यात्रा का अगला पड़ाव शुरू होगा। वह अफगानिस्तान, ईरान, इराक, मक्का मदीना, बगदाद, चाइन व रशिया को कवर करेंगे। अमरजीत सिंह चावला कहते हैं कि यह यात्रा गुरु महाराज की शिक्षाओं का प्रचार एवं प्रसार करने के लिए की जा रही है। हम उन्हें अलग अंदाज में ट्रिब्यूट कर रहे हैं।
दिल्ली से लंदन का सफर कार पर किया था तय
चावला को द टर्बन ट्रैवलर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने हाल ही में अपने टोयोटा फॉर्च्यूनर कार से दिल्ली से लंदन तक की 40,000 किमी की दूरी तय की है। वह कहते हैं कि श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं उनके जीवन में मार्गदर्शक रही हैं। गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्रा के दौरान अपने दिव्य ज्ञान से अज्ञानता के अंधकार को दूर किया। अमरजीत सिंह के अनुसार उनकी यह यात्रा दो लाख किलोमीटर यात्रा का हिस्सा है। वह सारी दुनिया की यात्रा पर निकले हैं। जहां गुरुनानक देव जी नहीं गए, वहां वह दस्तार व सिखी का प्रचार करने जा रहे हैं। कुल 70 हजार किलोमीटर की यात्रा हो चुकी है।