वाटर मीटर बनाने वाली कंपनी पर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप
अमृतसर रंजीत एवेन्यू निवासी सुखविदर सिंह ने ईस्ट मोहन नगर इलाके में दशमेश वाटर मीटर बनाने वाली कंपनी पर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
रंजीत एवेन्यू निवासी सुखविदर सिंह ने ईस्ट मोहन नगर इलाके में दशमेश वाटर मीटर बनाने वाली कंपनी पर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उक्त कंपनी वर्ष 1958 से सरकार को कोई टैक्स दिए बगैर मीटर तैयार कर देश के कई हिस्सों में इसे बेच रही है। इस बारे में पता चलते ही उन्होंने कंपनी के मालिक अमनप्रीत सिंह और प्रितपाल कौर के खिलाफ 22 नवंबर 2018 को आयकर विभाग, जीएसटी, सेल टैक्स विभाग, ईपीएफ, लीगल मेट्रोलॉजी विभाग और विजिलेंस विभाग को शिकायत की थी। जिस पर अभी तक सुनवाई चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसी भी विभाग की जांच का परिणाम आज तक सामने नहीं आया।
सुखविदर सिंह ने आरोप लगाया कि साल 2018 को उन्हें पता चला कि देश में वाटर मीटर सप्लाई करने वाली नामी कंपनी दशमेश इंजीनियर वर्कस बड़ी संख्या में सरकार को बताए बगैर वाटर मीटर का उत्पादन कर कारोबार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी के पास ना तो कोई वाटर मीटर बनाने का लाइसेंस हैं और ना ही सरकार को किसी खाते में उनका टैक्स जमा करवाया जा रहा है। इससे दशमेश इंजीनियर वर्कस कंपनी सरकार को करोड़ों रुपयों का चूना लगा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है कि वह प्रत्येक साल तीन लाख से ज्यादा घरेलू वाटर मीटर का उत्पादन कर रही है। कानून के मुताबिक कंपनी को प्रत्येक मीटर पर सरकार को 25 रुपये ड्यूटी देनी पड़ती है। इस तरह कंपनी ने कई दशकों से सरकार को एक भी रुपये टैक्स के रूप में नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त विभागों में शिकायत करने के बावजूद कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पानी के मीटर आज भी सरकार को टैक्स दिए बगैर बन रहे हैं। प्रिसिपल सेक्रेटरी के पास पेंडिग है अपील : कंट्रोल लीगल मेट्रोलॉजी
कंट्रोल लीगल मेट्रोलॉजी (पंजाब) अमरजीत सिंह ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उक्त कंपनी पर पानी के मीटर बनाने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। टैक्स को लेकर 1988 में कानून बनाया गया था। कंपनी का लाइसेंस कैंसिल हो चुका है। कंपनी ने आश्वासन दिया था कि वह मीटर नहीं बनाएगी। इसके बाद कंपनी के मालिक ने प्रिसिपल सेक्रेटरी के दरबार में उनके फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी थी। अपील आने के बाद ही वह कोई कार्रवाई कर सकेंगे।
आरोप बेबुनियाद हैं: अमनप्रीत सिंह
दशमेश इंजीनियर वर्कस के मालिक अमनप्रीत सिंह ने उक्त आरोप को सिरे से नकारा है। उन्होंने बताया कि उनका सुखविदर सिंह के साथ घरेलू झगड़ा चल रहा है। कई तरह की शिकायतें कर उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। मीटर बनाने वाली शिकायत के खिलाफ उन्होंने प्रिसिपल सेक्रेटरी के पास अपील दायर कर रखी है। उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है।