नागरिक संशोधन कानून व एनआरसी में संशोधन करें सरकार : हिंदू महासभा
अखिल भारत हिदू महासभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल मिश्रा ने नागरिक संशोधन कानून व एनआरसी में संशोधन करने की मांग की।
जेएनएन, अमृतसर : अखिल भारत हिदू महासभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल मिश्रा ने नागरिक संशोधन कानून व एनआरसी में संशोधन करने की मांग की।
उन्होने कहा कि सरकार की ओर से पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांगलादेश में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिदू, जैन, सिख, पारसी, बौद्ध, ईसाईयों को भारत की नागरिकता देने व भारतीय नागरिकता को स्पष्ट करने की नीयत से एनआरसी कानून पूरे देश मे लागू करने की अखिल भारत हिदू महासभा समर्थन करती है। इन दोनों योजनाओं व विधेयकों की कुछ कमियों को दूर करना चाहिए।
संगठन मंत्री मिश्रा ने कहा कि कानून में यह प्रावधान होना यह चाहिए कि विश्व के किसी भी देश के कोने से कोई हिदू धार्मिक रूप से प्रताड़ित होने की स्थिति में भारत आ सके। एनआरसी के अंतर्गत 1971 के पूर्व प्रत्येक भारतीय को अपनी नागरिकता स्वंय सिद्ध करनी होगी। इस पर हिदू महासभा का स्पष्ट कथन है कि एक व्यक्ति का हिदू होना ही इस बात का ठोस प्रमाण है कि वह भारत की मूल संतान है। अन्य देशों से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर आने वाले जिन हिंदुओं को भारत सरकार भारतीय नागरिकता प्रदान कर रही है, उन सभी हिदुओं की छोड़ी गई संपति पर शत्रु संपति अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उनको प्रदान की जानी चाहिए। इस विषय में एक जनवरी को दिल्ली में अखिल भारत हिदू महासभा की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी के नेतृत्व में होगी। इस बैठक में उपाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी, गगन भाटिया व राष्ट्रीय प्रवक्ता पंकज शर्मा पहुंच रहे हैं।