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सुखबीर बादल ने धरना देकर गुजारी रात, इतिहास की किताबों से छेड़छाड़ का विरोध

पाठ्य पुस्तकों में सिख इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के खिलाफ शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल रातभर धरने पर बैठे रहे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 05:32 PM (IST)
सुखबीर बादल ने धरना देकर गुजारी रात, इतिहास की किताबों से छेड़छाड़ का विरोध
सुखबीर बादल ने धरना देकर गुजारी रात, इतिहास की किताबों से छेड़छाड़ का विरोध

जेएनएन, अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल की ओर से पाठ्य पुस्तकों में सिख इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के खिलाफ शुरू किए धरने का पहला दिन शुक्रवार सुबह समाप्त हो गया। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल  सुबह धरने से उठ गए, जबकि अगले 24 घंटों के लिए एसजीपीसी के अध्यक्ष गोविंद सिंह लोगोंवाल धरने पर बैठ गए। इससे पहले सुखबीर ने पूरी रात धरना स्थल पर गुजारी।

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सुखबीर ने कहा कि अकाली दल का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इतिहास के चैप्टर लिखने वाले दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हो जाती और मुख्यमंत्री श्री अकाल तख्त पर पेश होकर माफी नहीं मांगते और शिक्षा मंत्री की पद से छुट्टी नहीं की जाती। तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

धरने पर बैठे सुखबीर।

उधर, एसजीपीसी के अध्यक्ष ने एसजीपीसी मेंबर के साथ अकाल तख्त पर अरदास करते सुखबीर की जगह खुद बैठकर आगामी 24 घंटों के लिए धरने को जारी रखा। इस धरने में एसजीपीसी के सदस्य कर्मचारी और पदाधिकारी भी धरने पर बैठे हुए हैं। गौरतलब है कि गुरु साहिब व सिख इतिहास को लेकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की इतिहास की पुस्तकों में प्रयोग किए गए गलत शब्दों के खिलाफ अकाली दल ने पंजाब सरकार के खिलाफ 48 घंटे के लिए आंदोलन की शुरू किया था।

सुखबीर ने बच्चों के साथ ली सेल्फी

धरने पर बैठे पूर्व उपमुख्यमंत्री व शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल देर रात रिमझिम बारिश में भी डटे रहे। साथ में वरिष्ठ नेता व वर्कर भी थे। रात साढ़े नौ बजे सुखबीर ने टकसाली अकालियों की छत्रछाया में पंगत में बैठ लंगर छका और उसके बाद शुरू हुआ आम लोगों के साथ सेल्फी का दौर। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों ने देर रात साढ़े ग्यारह बजे तक सुखबीर के साथ सेल्फी ली। छोटे बच्चों को उन्होंने गोद में बैठा प्यार किया। आमतौर पर जेड सिक्योरिटी में रहने वाले सुखबीर के इतने पास जाना आसान नहीं होता है।

धरने के दौरान लंगर बरताते पूर्व मंत्री विक्रमजीत सिंह मजीठिया।

सुखबीर ने सुरक्षाकर्मियों इशारा करके किनारे कर दिया। इसके बाद दूरदराज से आए कार्यकर्ता उनके पास तक पहुंच गए। सुखबीर ने कहा, ''तुहाड़ी ताकत नाल ही असी एथे आ, आओ बैठो लागे, दसो कोई दुख तकलीफ ता नए है।'' पास बैठे टकसाली नेताओं पूर्व कैबिनेट मंत्री गुलजार सिंह रणीके, शिअद देहाती के प्रधान वीर सिंह लोपोके, शहरी प्रधान गुरप्रताप सिंह टिक्का, पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने खुद सुखबीर का परिचय वर्करों से करवाया।

मजीठिया लंगर बांटने पहुंचे तो सब खड़े हो गए

मजीठिया जैसे ही वर्करों को लंगर वितरित करने पहुंचे तो सभी खड़े हो गए। मजीठिया ने कहा कि लंगर बैठ के छकिया जांदा ए। बैठो दासस तुहाडा लंगर वरतान आया ए।

चिंता न करो भाइया जी एथे ही ने

सुखबीर के साथ फोटो खिंचवाने को लेकर लोगों और वर्करों में देर रात तक उत्साह देखा गया। फोटो खिंचवाने के लिए जब लोग आपस में धक्का-मुक्की करने लगे तो मजीठिया ने उन्हें टोकते हुए कहा कि भाइया जी एथे तुहाड़े विच ही ने। चिंता न करो, सारी रात फोटोवा करवाओंगे, ता भी असी तुहाड़े विच ही रहांगे।

शिअद के धरने के दौरान विक्रमजीत सिंह मजीठिया का स्कैच बनाता समर्थक।

सिख कौम से माफी मांगे कैप्टन: सुखुबीर

पूर्व उप मुख्यमंत्री और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि कैप्टन सरकार ने सिखों पर एक बड़ा राजनीतिक हमला किया है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक के पांच चैप्टरों में सिख गुरु साहिबों के खिलाफ गलत शब्दों का उपयोग किया है। गुरु गोङ्क्षबद ङ्क्षसह जी, गुरु अर्जुन देव जी और गुरु हर राय साहिब जी से संबंधित इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश किया है। इसके लिए कैप्टन अमङ्क्षरदर ङ्क्षसह को सिख कौम से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं, शिक्षा मंत्री ने यह बयान देकर कि पाठ्य पुस्तक में सिख इतिहास के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई सिखों के जख्मों पर नमक छिड़का है। सुखबीर ने आरोप लगाए कि सिखों की आने वाली पीढिय़ों को गलत गुरु इतिहास पढ़ा कर गुरु घर से दूर करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले कांग्रेस हरिमंदिर साहिब पर टैंकों तोपों से हमला कर सैनिक कार्रवाई कर चुकी है, जबकि 1984 के दंगा पीडि़तों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। आरोपित दोषी खुलेआम घूम रहे हैं और कांग्रेस सरकारें इन्हें बचाती आ रही है। अब इसके बाद सिखों के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की साजिश की जा रही है। कभी 12वीं कक्षा में 600 पन्नों का सिख इतिहास विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता था लेकिन अब यह 30 पन्नों तक सीमित कर दिया गया है। जब तक दोषियों को सख्त सजाएं नहीं दी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

धरने से पहले की गई अरदास

स्थानीय टाउन हाल में शुरू किए गए 48 घंटों के धरने से पहले अकाली दल की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास की गई। अरदास में अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह सहित कई पूर्व मंत्री, विधायक, मौजूदा विधायक और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सुबह श्री अकाल तख्त साहिब के पास स्थित गुरुद्वारा बाबा गुरबख्श ङ्क्षसह में अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए।

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