यूरिया के अधिक उपयोग रोकने के लिए विभाग सरगर्म
किसान गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए यूरिया का अधिक उपयोग कर रहे हैं।
पंकज शर्मा, अमृतसर : किसान गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए यूरिया का अधिक उपयोग कर रहे हैं। इसको रोकने के लिए कृषि विभाग ने जनजागृति अभियान चलाने का फैसला लिया है। गांव, ब्लॉक व तहसील स्तर पर कैंप लगा कर किसानों को जागृत किया जा रहा है। इस कैंप में बताया जा रहा है कि सर्दी के मौसम में पड़ रहा कोहरा गेहूं के लिए बढि़या है। किसान यूनिया का अनावश्यक उपयोग कर रहे हैं। इससे फसल पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देने लगा है।
अमृतसर जिले में इस बार एक लाख 89 हजार हेक्टर भूमि पर गेहूं की खेती की गई है। प्रति एकड़ 19 से 20 क्विटल गेहूं का उत्पादन होता है। कोहरा पड़ने से इस बार गेहूं का उत्पादन बढ़ने की भी संभावना है। इस बार प्रति एकड़ 22 से 24 क्विटल गेहूं का उत्पादन होने की संभावना पाई जा रही है।
अधिक यूरिया से कीटों का अधिक हमला : डॉ मस्तेंद्र सिंह
कृषि विकास अधिकारी डॉ. मस्तेंद्र सिह ने बताया कि दिसंबर और जनवरी में जितनी अधिक सर्दी व कोहरा पड़ा है वह गेहूं की फसल के लिए अधिक लाभदायक है। अगर गेहूं के तने एक या दो ही पैदा हो तो बल्लियों की संख्या कम हो जाती है जिस से उत्पादन गिर जाता है। किसान गेहूं के पौधे के पत्तों में कुछ पीलापन देख कर यूनिया खाद अधिक डाल देते है। इससे पौधे के पत्ते तो हरे हो जाते हैं, परंतु इस के उपर कीटों का हमला भी अधिक होता है। किसान कृषि अधिकारियों की सलाह के बिना ही प्रति एकड़ चार से पांच बोरियां यूनिया खेतों में डाल रहे है।
55 दिनों में दो बोरी खाद ही डाले : डॉ छीना
जिला मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. डीएस छीना ने बताया कि जिन किसानों ने समय से पहले गेहूं की बुआई की है वह किसान 55 दिनों में सिर्फ एक बार ही दो बोरियां यूरिया खाद एक एकड़ में डाले तो उनको फसल का भरपूर उत्पादन मिलेगा।