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हैरानीजनक: गर्भ में बच्चे की मौत के बाद अबार्शन किया, आधे अंग कोख में छोड़े, अल्ट्रासाउंड में पता चला

शहर के कोट खालसा इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल के खिलाफ पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के पास शिकायत पहुंची है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 02:00 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 02:00 AM (IST)
हैरानीजनक: गर्भ में बच्चे की मौत के बाद अबार्शन किया, आधे अंग कोख में छोड़े, अल्ट्रासाउंड में पता चला
हैरानीजनक: गर्भ में बच्चे की मौत के बाद अबार्शन किया, आधे अंग कोख में छोड़े, अल्ट्रासाउंड में पता चला

जासं, अमृतसर: शहर के कोट खालसा इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल के खिलाफ पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के पास शिकायत पहुंची है। एक महिला ने आरोप लगाया है कि इस अस्पताल में उसकी कोख में पल रहे बच्चे को मार दिया गया। बच्चे की मौत के बाद उसे काटकर बाहर निकाला गया। इस आपरेशन के दौरान बच्चे के कई अंग कोख में ही रह गए। महिला डेढ़ महीने तक कोख में अधकटे बच्चे को लेकर दिनचर्या के काम निपटाती रही। पेट में तेज दर्द शुरू हुआ तो उसने अल्ट्रासाउंड करवाया। तब पता चला कि उसके पेट में तो नवजात शिशु के अंग गल सड़ चुके हैं। इसकी शिकायत मिलने पर पंजाब अल्पसंख्यक आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।

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पीड़ित महिला सूजन पुत्री एरीक स्टीफन निवासी मिशन कंपाउंड कोर्ट रोड ने आयोग के चेयरमैन प्रो. इमैनुअल नाहर को बताया कि वह चार माह की गर्भवती थी। छह मार्च को पेट में दर्द शुरू हो गया। उन्होंने सरकारी गुरु नानक देव अस्पताल में कार्यरत अमरजीत सिंह को फोन किया। अमरजीत ने उन्हें खुद को डाक्टर बताया और कहा कि कोट खालसा स्थित निजी अस्पताल में चली जाओ। निजी अस्पताल में अमरजीत उन्हें मिला। अमरजीत ने उनका चेकअप किया और कहा कि बच्चे की धड़कन बंद है। यानी इसकी मौत हो चुकी है। उनके पति गुरमीत सिंह ने अमरजीत से कहा कि आप अल्ट्रासाउंड करके देखो। अमरजीत ने कहा कि कोई फायदा नहीं, अब अबार्शन करना पड़ेगा। वे उसे आपरेशन थिएटर में ले गए। पति से 25 हजार रुपये लिए। पौने घंटे बाद पति से कहा कि अब इसे घर ले जाओ। पति ने कहा कि इसे होश तो आने दो, पर अमरजीत ने बाहर जाने को कहा। उनका ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ चुका था और घर लाया गया। सारी रात उन्हें दर्द होता रहा। अल्ट्रासाउंड करवाई तो पता चला गर्भ में बच्चे के शरीर के अंग पड़े थे

पीड़िता ने बताया कि आठ मार्च को उन्होंने अल्ट्रासाउंड करवाई। इसमें पता चला कि गर्भ में बच्चे के शरीर के अंग पड़े हुए थे। इसके बाद उन्होंने अमरजीत से बात की तो उसने कहा कि उनसे गलती हुई है। उन्होंने बटाला रोड स्थित एक निजी अस्पताल से गायनी डाक्टर को दिखाया। यहां भी एक टेस्ट करवाया गया। उसमें पता चला कि उपरोक्त निजी अस्पताल में मेरी बच्चेदानी ही काट दी गई थी। गायनी डाक्टर ने कटे हुए अंग निकालने की कोशिश की, पर मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ता रहा। डेढ़ महीने तक उनकी कोख में नवजात शिशु के अंग पड़े रहे। अब जाकर अंग बाहर निकाले गए हैं। जाकर रिकार्ड की जांच कर जवाब-तलबी करेंगे: डा. सुभाष

सूजन ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन प्रो. नाहर ने आश्वासन दिया है कि उनके साथ न्याय होगा। उन्होंने छह दिसंबर को निजी अस्पताल प्रबंधन व अमरजीत सिंह को रिकार्ड सहित चंडीगढ़ तलब किया है। आयोग के सदस्य डा. सुभाष थोबा ने कहा कि महिला ने बड़ी पीड़ा झेली है। वह अस्पताल में जाकर रिकार्ड की जांच करेंगे और जवाब-तलबी करेंगे। निजी अस्पताल का प्रबंधन बोला, हमारे अस्पताल में ऐसा कुछ नहीं हुआ

इधर, निजी अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि सूजन द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। उनका किसी के साथ कोई लेन-देन होगा। हालांकि किसी से उनका कोई लेना-देना नहीं है, न ही वह अमरजीत सिंह को जानते हैं। उन्हें सिविल सर्जन ने बुलाया था। वह उन्हें बयान दे चुके हैं। मैं कैंसर मरीज हूं। हमारे अस्पताल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।


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