डॉक्टर पर हमले के बाद भड़का आक्रोश, जीएनडीएच का ऑपरेशन थिएटर क्लोज, सेहत सेवाएं ठप
- जेआर व एसआर ने इमरजेंसी वार्ड में बैठ कर ¨प्रसिपल व सुप¨रटेंडेंट के खिलाफ लगाए नारे फोटो - 81 से 84
जागरण संवाददाता, अमृतसर
रेजिडेंट डॉक्टर सचिन वर्धन पर हुए हमले के विरोध में गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत जूनियर रेजिडेंट व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार सुबह ऑपरेशन थिएटर क्लोज कर दिया और इमरजेंसी वार्ड में बैठ कर विरोध दर्ज करवाया। डॉक्टरों ने सरकारी मेडिकल कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता शर्मा व अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ¨सह के खिलाफ तीखी नारेबाजी की। उनका तर्क था कि अस्पताल प्रशासन डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया करवाने में असफल साबित हुआ है। असुरक्षा भरे माहौल में वे काम नहीं करेंगे। इस दौरान वी वांट जस्टिस, बंद करो ये अत्याचार इत्यादि नारों से अस्पताल गूंज उठा। इधर, हड़ताल की गूंज के बाद पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
डॉक्टरों की इस हड़ताल को खत्म करने के लिए एसीपी नॉर्थ सर्बदीप ¨सह बाजवा भी पहुंचे, पर डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमृत पाल ने कहा कि शनिवार की सुबह तीन बजे अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ अत्याचार हुआ। मरीज के अटेंडेंट ने डॉक्टर को बुरी तरह पीटा। उस वक्त अस्पताल मे सुरक्षा के लिए लगाई गई होमगार्ड सो रही थी। दो तीन जवान आए भी, लेकिन हमलावर उन्हें धक्का देकर वहां से निकल गया। अस्पताल की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही अस्थायी पुलिस चौकी बनाई गई है। यहां होमगार्ड के जवानों को लगाया गया है। होमगार्ड के जवान सुरक्षा व्यवस्था बना नहीं पा रहे। चौकी में बैठकर ड्यूटी करते हैं और अस्पताल कांप्लेक्स असुरक्षा में घिरा रहता है। वहीं इमरजेंसी वार्ड के प्रवेश व निकासी द्वार के समीप लाइटें नहीं जलती। यदि हमलावर किसी डॉक्टर पर चाकू अथवा अन्य हथियार से वार कर देता तो इसका कसूरवार कौन होता? डॉ. अमृत पाल ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। दुखद यह कि अस्पताल प्रशासन इन कैमरों का रखरखाव नहीं कर पाया। यही वजह है कि रेजिडेंट डॉक्टर पर हुए हमले के बाद सीसीटीवी कैमरों में कुछ भी कैद नहीं हुआ। एक मरीज के साथ आते हैं दस अटेंडेंट
रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि अस्पताल में एक मरीज के साथ दस लोग दाखिल हो जाते हैं। क्या इन्हें रोकना होमगार्ड का जिम्मा नहीं। डॉक्टर जब मरीज का इलाज करता है तो ये लोग भी आसपास मंडराते हैं। फिर इलाज प्रक्रिया बाधित होती है। कई बार मरीज दर्द से कराहता है तो परिजनों का गुस्सा डॉक्टरों पर फूटने लगता है।
16 मांगों का पु¨लदा ¨प्रसिपल को सौंपा
डॉक्टरों ने 16 मांगों का एक पु¨लदा मेडिकल कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता शर्मा को सौंपा है। इसमें पंजाब आर्म्ड पुलिस की सुरक्षा, अस्पताल के प्रवेश द्वार व निकासी पर आने जाने वाले से पूछताछ, मरीज के साथ एक अटेंडेंट को अंदर आने की इजाजत, सीसीटीवी कैमरा की रिपेयर, आईसीयू, एचसीयू, लेबर रूम, इमरजेंसी वार्ड में कैमरे लगाए जाएं, इमरजेंसी वार्ड में सभी दवाएं, फ्लूड व उपकरण दिए जाएं। इमरजेंसी वार्ड सहित सभी वार्डों की नियमित रूप से मेंटीनेंस करवाई जाए, इमरजेंसी वार्ड में डिस्प्ले मॉनिटर लगाए जाएं, जिस पर यह दर्ज हो कि कौनसी दवाएं एवं चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं और कौन से नहीं इत्यादि मांगे शामिल हैं। डॉक्टर्स ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ दर्ज एफआइआर के बाद अदालती केस अस्पताल प्रशासन स्वयं देखे। अटेंडेंट हमसे पूछते हैं- एक बेड पर दो दो मरीज क्यों
रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। मरीज के अटेंडेंट हमसे पूछते हैं कि एक बेड पर दो दो मरीज क्यों रखे गए हैं, अस्पताल में दवाएं क्यों नहीं? क्या यह हमारा का है कि हम व्यवस्था लागू करे। बेड की उपलब्धता नहीं हो तो हम कहां से बेड देंगे। हम इसके लिए? जिम्मेवार नहीं, अस्पताल प्रशासन को पूरे प्रबंध करने चाहिए। उच्चाधिकारियों से बात कर मांगें लागू करवाएंगे : डॉ. मृदु ग्रोवर
पंजाब डेंटल टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. मृदु ग्रोवर भी इस धरने में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि जेआर व एसआर सिस्टम में रहकर काम करना चाहते हैं। जो सामान उन्हें चाहिए, वह अस्पताल प्रशासन उपलब्ध करवाए। डॉक्टर्स की सुरक्षा का मुद्दा बहुत बड़ा है। रेजिडेंट डॉक्टर सचिन वर्धन पर हमला करने वाले आरोपित आसानी से अपना काम कर चलते बने। यह बहुत दुखद घटना है। हम उच्चाधिकारियों से बात कर इनकी मांगों को लागू करवाएंगे। वैसे सरकार ने अस्पताल को यूजर चाजेज खर्च करने की आज्ञा दे दी है। इस पैसे से जरूरी काम करवाए जा सकते हैं। हड़ताल से सेहत सेवाओं को हलकान
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से अस्पताल में सेहत सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। चूंकि डॉक्टरों ने सुबह ही ऑपरेशन थिएटर बंद कर दिया था, इसलिए सोमवार को ऑपरेशन नहीं हो सके। ऐसी स्थिति में मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने छुट्टी पर गए सीनियर डॉक्टर्स को अस्पताल बुला लिया। हालांकि एसआर व जेआर ने काम को हाथ नहीं लगाया। डॉ. सु¨रदर पाल ने कहा सोमवार को जिन मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो सके, वह कल कर दिए जाएंगे।
पीएपी जवान होंगे तैनात : एसीपी
एसीपी सर्बजीत ¨सह बाजवा ने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा में लगाए गए होमगार्ड जवानों ने अपना काम ठीक से नहीं किया। पुलिस विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद यहां पंजाब आर्म्ड पुलिस के जवान तैनात किए जाएं। हम सुरक्षा के हर पहलू की समीक्षा कर रहे हैं।