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एआईसीसी की घोषित सूची में सबसे ज्यादा नाम गुरुनगरी के

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा जारी की गई एआईसीसी मैंबरों की सूची में सबसे ज्यादा पांच सदस्य गुरुनगरी अमृतसर से लिए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 02:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 02:57 AM (IST)
एआईसीसी की घोषित सूची में सबसे ज्यादा नाम गुरुनगरी के
एआईसीसी की घोषित सूची में सबसे ज्यादा नाम गुरुनगरी के

विपिन कुमार राणा, अमृतसर : ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा जारी की गई एआईसीसी मैंबरों की सूची में सबसे ज्यादा पांच सदस्य गुरुनगरी अमृतसर से लिए गए हैं। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के अलावा विधायक ओम प्रकाश सोनी, विधायक डॉ. राजकुमार वेरका और विधायक सुख¨वदर ¨सह डैनी बंडाला को जहां इसमें जगह दी गई है, वहीं पंजाब महिला कांग्रेस की प्रधान ममता दत्ता को सूची में जगह दी गई है। कांग्रेसी वरीय सूची में सिद्धू ने एक बार फिर से दिग्गजों को पछाड़ दिया है। मंत्री बनने के बाद अब वह एआईसीसी मैंबर बनने में भी सफल रहे हैं।

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15 जनवरी 2017 को नवजोत ¨सह सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन की और इसका हिस्सा बने। कांग्रेस में आए चाहे उन्हें सवा साल ही हुआ है, लेकिन उनका चुनावी तुजुर्बा कम नहीं है। 2004, 2007 और 2009 में अमृतसर से भाजपा के सांसद बने। 2014 में भाजपा द्वारा उनकी टिकट काटकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को दे दी। इससे खफा सिद्धू अपने गुरु जेटली के चुनाव प्रचार तक में नहीं पहुंचे। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से नवाजा और उन्होंने 28 अप्रैल 2016 को राज्यसभा की शपथ ली। पंजाब की राजनीति से खुद को दूर होता देखकर सिद्धू ने 18 जुलाई 2016 को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और 15 जनवरी 2017 को कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद वह अपनी पत्नी के हलके पूर्वी से चुनाव मैदान में उतरे और विधायक बने। 16 मार्च 2017 को हुए विधानसभा के गठन में उन्हें निकाय और पर्यटन मंत्रालय से नवाजा गया। सिद्धू को कांग्रेसियों ने सिर आंखों पर तो बिठाया, लेकिन उनकी कार्यशैली की वजह से एक साल में ही कांग्रेसियों का मोह उनसे भंग होने लगा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह और सिद्धू में चल रहे सियासी द्वंद की वजह से कांग्रेसी उनसे कन्नी कतरने लगे हैं। यही वजह रही कि निकाय चुनाव में ही नहीं मेयरों के चयन की प्रक्रिया तक में निकायमंत्री सिद्धू को दूर रखा गया।

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सोनी का अपना सियासी कद

एआईसीसी मेंबर बने विधायक ओम प्रकाश सोनी का अपना सियासी कद है। कांग्रेस के अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके सोनी 1991 से 1996 तक शहर में मेयर रहे। वह ऑल इंडिया मेयर कौंसिल के चेयरमैन भी रहे। 1997 से लेकर आज तक वह लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे है और इस बार पांचवीं बार विधायक चुने गए है। कांग्रेस हाईकमान के कोटे से सिद्धू के मंत्री बनने की वजह से सीनियर होने के बावजूद वह मंत्री नहीं बन सके। अब सरकार द्वारा किए गए जाने मंत्री मंडल के विस्तार में उन्हें जगह मिलने की चर्चा है। बाक्स..फोटो : 21

तीन बार विधायक बने वेरका

एआईसीसी सदस्य बने डॉ. राजकुमार वेरका ने 1980 में यूथ कांग्रेस से अपना सियासी करियर शुरू किया। 1996 में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने और 2002 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। 2009 में वह यूनियन मिनिस्टर के रेक वाले एससी एसटी कमीशन के वाइस चेयरमैन बने। 2012 और 2017 में उन्होंने दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक बने। दलित नेता के रूप में जाने जाते वेरका का भी मंत्री मंडल विस्तार में मंत्री बनने का पूरा चांस बना हुआ है और इसके लिए वह भी पूरा जोर लगा रहे हैं। बाक्स..फोटो : 23

ममता दत्ता भी पहुंची एआईसीसी में

पंजाब प्रदेश महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ममता दत्ता को भी एआईसीसी का सदस्य बनया गया है। दत्ता सक्रिय नेत्री होने के साथ-साथ वह विधायक सुनील दत्ती की भाभी हैं। 2002 और 2007 में उन्होंने आजाद रूप से निगम चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2012 का चुनाव वह हार गई और 2017 के निगम चुनाव में उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की। पीपीसीसी की महासचिव के अलावा वह कई अहम पदों पर काम कर चुकी है और इस बार वह मेयरशिप की भी प्रबल दावेदारों में से एक थी। बाक्स...फोटो : 22

बडाला के बेटे को भी मिली जगह

पूर्व कैबिनेट मंत्री सरदूल ¨सह बंडाला के बेटे और जंडियाला गुरु से पहली बार विधायक बने सुख¨वदर ¨सह डैनी बंडाला को भी एआईसीसी में जगह दी गई है। डैनी ने 2009 में फरीदकोट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, पर चुनाव हार गए थे। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में वह चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। सियासी परिवार से जुड़े होने की वजह से वह खासे सक्रिय है और कांग्रेस के कई पदों पर काम कर चुके है।


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