जिसके खिलाफ शिकायत, उसी एएफएसओ ने कलमबद्ध किए शिकायतकर्ता के बयान
आटा-दाल स्कीम के तहत बांटे जाने वाले सरकारी गेहूं के ट्रकों को बिना तोल करवाकर गोदामों से बाहर निकालने के मामले की जांच शुरू हो गई है।
जासं, अमृतसर: आटा-दाल स्कीम के तहत बांटे जाने वाले सरकारी गेहूं के ट्रकों को बिना तोल करवाकर गोदामों से बाहर निकालने के मामले की जांच शुरू हो गई है। इस बाबत एडीएफएससी मनजिदर सिंह ने शिकायतकर्ता के बयान कलमबद्ध किए हैं और विश्वास दिलाया है कि जिन लोगों की भी लापरवाही इस मामले में सामने आएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि शिकायतकर्ता के बयान उस एएफएसओ ने लिखे हैं जो इन गोदामों के इंचार्ज है। ऐसे में क्या कार्रवाई होगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। विभाग को दिए बयानों में शिकायतकर्ता वरुण सरीन ने मांग की है कि सुखमणि गोदाम में लगाए गए इंस्पेक्टरों को सस्पेंड किया जाए।
अपने बयानों में आरटीआइ एक्टीविस्ट वरुण सरीन ने बताया कि उन्हें लोगों की शिकायतें मिल रही थीं कि डिपुओं पर उन्हें सरकारी गेहूं कम दिया जा रहा है। इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की तो उन्होंने चार सितंबर को रामतीर्थ रोड स्थित सुखमणि गोदाम से निकले ट्रकों को रोका था। पहले उन्होंने ट्रकों को निकलने दिया, देखा कि कहीं कंडे पर वह इसका तोल करवाएंगे लेकिन उन्होंने नहीं करवाया। जब उन्हें रोककर पूछा तो उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टरों ने उन्हें डिपुओं पर ले जाने के लिए कहा है। इस मामले की शिकायत उन्होंने फूड सप्लाई विभाग के डायरेक्टर अभिनव त्रिखा को भी की। इसके बाद उन्होंने डीएफएससी से जवाब-तलबी भी की। इस मामले की जांच अब एडीएफएससी मनजिदर सिंह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन गोदामों की जिम्मेदारी एएफएसओ मोहनजीत सिंह, इंस्पेक्टर प्रीत कंवल और इंस्पेक्टर डा. गगनप्रीत सिंह की बनती है। इनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए। एडीएफएससी का तर्क
कोई क्लर्क नहीं था, इसलिए एएफएसओ से लिखवाए बयान
एडीएफएससी मनजिदर सिंह से जब बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। ब्यान लिखने के लिए कोई नहीं था। मौके पर उन्हें एएफएसओ मोहनजीत सिंह मिले तो उनसे ही ब्यान लिखवा लिए गए। मामले की जांच डायरेक्टर के आदेश पर की जा रही है और जो भी पहलू सामने आएंगे, उसी के तहत कार्रवाई होगी।