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जीएनडीएच में बीमार ऑक्सीजन प्लांट में प्राण फूंकेगा प्रशासन

गुरु नानक देव अस्पताल में अब ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 12:47 AM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 06:08 AM (IST)
जीएनडीएच में बीमार ऑक्सीजन प्लांट में प्राण फूंकेगा प्रशासन
जीएनडीएच में बीमार ऑक्सीजन प्लांट में प्राण फूंकेगा प्रशासन

नितिन धीमान, अमृतसर : गुरु नानक देव अस्पताल में अब ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होगा। वर्ष 2012 में यहां इंस्टाल ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करने के लिए सरकार गंभीर हो गई है। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने इस बंद पड़े प्लांट को शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

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दरअसल, जीएनडीएच में स्थित यह ऑक्सीजन प्लांट सरकारी उपेक्षा का शिकार बनकर रह गया। 2012 में इसकी इंस्टालेशन तो की गई, पर इसका विधिवत उद्घाटन नहीं किया जा सका। इसके बाद जितने भी अधिकारी आए, उन्होंने इस प्लांट को नजरअंदाज किए रखा। इसका दुष्परिणाम निकला कि यह प्लांट घास और पौधों के बीच दबकर रह गया। तीन माह पूर्व जीएनडीएच में ऑक्सीजन सिलेंडरों की हेराफेरी का मामला उछला तो विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी यहां पहुंचे। दैनिक जागरण ने उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया था कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट है तो फिर अस्पताल प्रशासन द्वारा निजी गैस कंपनी से ऑक्सीजन की खरीद क्यों की जा रही है। उस वक्त सोनी ने इस ऑक्सीजन प्लांट की सारी रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन से मांगी थी। अब मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इस प्लांट को किसी भी तरह शुरू करवाए, ताकि अस्पताल में ही ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सके।

निजी कंपनी से आपूर्ति होते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

जीएनडीएच में निजी गैस कंपनी से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए जाते हैं। ये सिलेंडर अस्पताल स्थित गैसेज यूनिट में लगाकर पाइपों के जरिए सभी वॉर्डों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। यह जानकर हैरानी होगी कि निजी गैस कंपनी से प्रतिमाह 15 से 20 लाख रुपये की ऑक्सीजन खरीदी जाती है। यदि नया ऑक्सीजन प्लांट ही अस्पताल में इंस्टॉल किया जाए तो इसमें 1 करोड़ रुपये खर्च आता है। दैनिक जागरण से इस बाबत विस्तृत समाचार प्रकाशित किए थे, जिसका विभाग ने संज्ञान लिया है।

ऑक्सीजन प्लांट हो गया है बीमार, तकनीकी टीम करेगी जांच

सात वर्ष पूर्व इंस्टॉल ऑक्सीजन प्लांट संभवत: ऑन भी न हो पाए। इतने वर्षों में यह प्लांट घास और मिट्टी के बीच दब चुका है। जाहिर सी बात है कि इसमें तकनीकी खामी भी आई होगी। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार का कहना है कि ऑक्सीजन प्लांट की जांच के लिए अगले सप्ताह तकनीकी टीम आएगी। वह जांच करेगी कि प्लांट में किस प्रकार की तकनीकी खामी है।


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