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गुरपिंदर की मौत मामले में एडीसी ने जेल में ही बनाया जांच ऑफिस

584 किलोग्राम हेरोइन में नामजद कारोबारी गुरपिदर सिंह की जेल में मौत के रहस्य को सुलझाने के लिए एडीसी हिमांशु अग्रवाल ने जांच तेज कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 12:34 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 12:34 AM (IST)
गुरपिंदर की मौत मामले में एडीसी ने जेल में ही बनाया जांच ऑफिस
गुरपिंदर की मौत मामले में एडीसी ने जेल में ही बनाया जांच ऑफिस

जागरण संवाददाता. अमृतसर : 584 किलोग्राम हेरोइन में नामजद कारोबारी गुरपिदर सिंह की जेल में मौत के रहस्य को सुलझाने के लिए एडीसी हिमांशु अग्रवाल ने जांच तेज कर दी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी है। इसलिए एडीसी 12 घंटे से ज्यादा समय तक उक्त मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं। यही नहीं पिछले चार दिन से अपने सरकारी आफिस भी नहीं गए। पता चला है कि उन्होंने फताहपुर जेल के एक कमरे को ही अपना इंक्वायरी रूम (जांच आफिस) बना लिया है। केस से जुड़े 150 से ज्यादा लोगों को वहीं बुलाकर पूछताछ कर रहे हैं। बयान कलमबद्ध करने के अलावा वीडियो स्टेटमेंट भी ली जा रही है।

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जांच के चौथे दिन शुक्रवार को एडीसी सुबह दस बजे फताहपुर जेल पहुंच गए थे। वीरवार रात उन्होंने जेल प्रबंधन से 2 जुलाई से लेकर 21 जुलाई तक की वीडियो फुटेज मांगी थी, जो उन्हें सौंपी गई। दोपहर तक कई लोगों के बयान कलमबद्ध कर लिए गए।

अफसरों की लापरवाही के चलते शुगर की इंसूलिन मिस कर गया था गुरपिंदर

एडीसी ने पूरा दिन कई लोगों से पूछताछ की। इनमें गुरपिदर को खाना देने वाले मुलाजिम, खाना बनाने वाले लोग भी शामिल थे। उनसे गुरपिदर के आचरण और शुगर की ली जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी एकत्र की गई। आरोप है कि कुछ अफसरों की लापरवाही के चलते जेल गुरपिदर शुगर के इंसूलिन मिस कर चुका था। इसके बाद एडीसी घरिडा थाना, राजासांसी थाना और कस्टम विभाग के अफसरों के बयान कलमबद्ध हो सकते हैं। गुरपिदर के परिवार के सदस्यों को भी जेल में ही स्टेटमेंट देने के लिए पहुंचना होगा।

इंक्वायरी रूम में किसी को जाने की अनुमति नहीं

फताहपुर जेल में एडीसी हिमांशु अग्रवाल के इंक्वायरी रूम में जेल के किसी भी अधिकारी को जाने की अनुमति नहीं है। सुबह जांच कार्यालय में पहुंचने के बाद एडीसी किसी का फोन रिसीव नहीं करते। समन भेजकर बुलाए गए लोगों के बयान कलमबद्ध करवाए जाते हैं। सारी कार्रवाई में एडीसी के दो मुलाजिम उनके साथ रहते हैं। एसीडी हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि गुरपिदर मौत मामले में वह दो सप्ताह से पहले अपनी जांच पूरी कर लेंगे। जांच किसी तरह से प्रभावित न हो, इसलिए वह जांच के दौरान किसी तथ्य पर ज्यादा बात नहीं करना चाहते। आने वाले दिनों में वह इस बाबत प्रेस वार्ता जरूर करेंगे।

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