आशा वर्करों ने शुरू की तीन दिवसीय हड़ताल
। कोरोना महामारी के समय फ्रंट लाइन पर काम करने वाली आशा वर्करों व फैसिलिटेटरों ने पंजाब सरकार की वर्कर नीतियों का विरोध करते हुए रोष प्रदर्शन करते हुए तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी।
संवाद सहयोगी, अमृतसर
कोरोना महामारी के समय फ्रंट लाइन पर काम करने वाली आशा वर्करों व फैसिलिटेटरों ने पंजाब सरकार की वर्कर नीतियों का विरोध करते हुए रोष प्रदर्शन करते हुए तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी।
इस दौरान रमेश वेरका, गुरवंत सिंह, डोली वासल, मनप्रीत कौर, गुरमीत कौर, पलविदर कौर, जसविदर कौर, राजविदर कौर व जसबीर कौर ने बताया कि कोरोना काल में काम करने वाली आशा वर्करों को 2500 रुपये प्रति महीना तथा फैसिलिटेटरों को दो हजार रुपये महीना मान भत्ता दिया जाता था, जो अब बंद कर दिया गया हैं। डेमोक्रेटिक कर्मचारी फेडरेशन के नेता जर्मनजीत सिंह, प्रकाश सिंह थोथीयां व अश्वनी अवस्थी ने आशा वर्करों की हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार कोरोना फतेह करने के लिए बड़ बड़े कागजी एलान कर रही है, लेकिन आशा वर्करों को बनता मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा। विभिन्न ब्लाकों के नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनको घर घर सर्वेक्षण के पैसों में 12 रुपये प्रति व्यक्ति मेहनत दी जाए। जब तक मिशन फतेह पूरा नहीं होता, उनको भत्ता मिलता रहना चाहिए। मृतक आशा वर्करों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए। अगर सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं देती तो संघर्ष को तेज किया जाएगा। इस मौके पर परमजीत कौर मान, रंजीत दुलारी, सर्बजीत कौर, कर्मजीत कौर, बलजिदर कौर, राजविदर कोर, रजवंत कौर आदि मौजूद थे।